निसंदेह, अमेरिका दुनिया का सब से शक्तिशाली राष्ट्र है. सात समंदर पार हो कर हम सब को चुंबक की तरह अपनी ओर खींचता है. औरों की बात क्या करें, हम भी अमेरिका घूमने के सपने देखतेदेखते पर्यटक के रूप में वहां पहुंच ही गए. कहने में, ‘पहुंच गए’ आसान भले लगता हो परंतु वास्तविकता यह है कि अमेरिका का वीजा लेना अपनेआप में एक टेढ़ी खीर है. औसतन हर 5 भारतीय आवेदकों में से 2 को अमेरिका का वीजा प्रदान करने से इनकार कर दिया जाता है. मु झे और मेरी पत्नी को भी दूसरे प्रयास में ही अमेरिका का वीजा मिल पाया.
हमारा अमेरिका दौरा न्यूयार्क शहर की गगनचुंबी इमारतों के दर्शन से शुरू हुआ. कुछ दशक पूर्व तक विश्व की सब से ऊंची इमारत मानी जाने वाली ‘अंपायर स्टेट बिल्डिंग’ भी हम ने देखी. 1931 में निर्मित यह दुनिया की पहली इमारत थी जिस में 100 से अधिक मंजिलें हैं. 9/11 के आतंकी हमले में ध्वस्त ‘वर्ल्ड ट्रेड सैंटर’ इमारत का वह बहुचर्चित स्थान ‘ग्राउंड जीरो’ भी हम ने देखा.
न्यूयार्क शहर की सब से विख्यात कृति है ‘स्टैच्यू औफ लिबर्टी’, जोकि फ्रांस द्वारा अमेरिका को भेंट की गई एक ज्योति थामे नारी की विशालकाय मूर्ति है. यह अटलांटिक महासागर में न्यूयार्क से सटे एलिस नामक द्वीप पर स्थित है और अमेरिकी पर्यटन का एक प्रतीक चिह्न सा बन गई है. 46 मीटर ऊंची तांबे की यह मूर्ति एक पेडेस्टर पर रखी है और जमीन से इस के सब से ऊंचे छोर, जोकि नारी के हाथ में थमी ज्योति का छोेर है, की ऊंचाई 93 मीटर है. इस तक पहुंचने के लिए आप को फेरी से एलिस द्वीप जाना होता है जोकि 10-15 मिनट का सफर है.
नीले पानी की चादर के दूसरे छोर पर मूर्ति का परिदृश्य समुद्र से फेरी पर बैठे पर्यटकों को खूब भाता है. घूमने के लिहाज से न्यूयार्क का एक और अहम स्थल है मैनहटन क्षेत्र में स्थित ‘सिटी स्क्वायर’. यहां सूर्यास्त उपरांत लोगों का जमावड़ा लग जाता है और बड़ीबड़ी स्क्रीन पर विविध डिस्प्ले व लाइव शो के जरिए जनसमूह का मनोरंजन किया जाता है.
न्यूयार्क शहर में संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय भी है. इस शहर में हमें कहीं भी दोपहिया वाहन देखने को नहीं मिले और गाय, आवारा कुत्ते, पशु आदि भी विचरण करते नहीं दिखे. अब बात करें यूएसए स्थित एक रमणीय शहर यानी उस की राजधानी वाशिंगटन की. वाशिंगटन शहर का नाम अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जौर्ज वाश्ंिगटन पर रखा गया. वे एक अत्यंत लोकप्रिय राष्ट्रपति थे. आदरस्वरूप वाशिंगटन में उन के स्मारक से ऊंची अन्य कोई बिल्डिंग निर्मित नहीं की जाती. इस कारण से वाशिंगटन एक खुलाखुला सा खूबसूरत शहर बन गया है. यहां बागबगीचे, हरियाली, चौड़ी सड़कें, फौआरे वाले चौराहे व सुंदर सरकारी इमारतें स्थित हैं.
वाश्ंिगटन शहर के कुल क्षेत्रफल का 19.4 प्रतिशत क्षेत्र पार्कलैंड है. यहां की संसद कैपिटल हिल है जोकि गोल गुंबज वाला एक विशाल दर्शनीय भवन है. वर्ल्ड बैंक व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ का मुख्यालय भी वाशिंगटन में स्थित है. परंतु जो सरकारी भवन सब से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करता है वह है वाइट हाउस, जोकि अमेरिका के राष्ट्रपति का निवास है. दुनिया के सब से शक्तिशाली माने जाने वाले व्यक्ति का निवास. सफेद रंग की इस इमारत के दर्शन सुरक्षा कारणों से पर्यटक उस की फैंसिंग से झांक कर ही कर पाते हैं.
वाशिंगटन स्थित अब्राहम लिंकन स्मारक भी पर्यटकों को बहुत सुहाता है. शायद इसलिए कि वहां जिस हस्ती की सजीव सी मूर्ति स्थित है वह प्रजातंत्र के मूल्यों को विश्व में स्थापित करने वाला व श्वेतश्याम वर्ण रूपी नस्लवाद को खत्म करने में सक्रिय रहा एक लोकनायक था. एक अन्य लोकप्रिय पड़ाव अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति जैफरसन का स्मारक है, जोकि एक छोटे तालाब के बगल में बना है. यह रूसवेल्ट स्मारक भी दर्शनीय है. हम ने तुलनात्मक अध्ययन से पाया कि न्यूयार्क व वाशिंगटन शहरों के स्वरूप में वही अंतर है जोकि मुंबई व दिल्ली के मध्य है.
अमेरिका में हमारा अगला पड़ाव था बुफैलो शहर, जहां विश्वप्रसिद्ध नियागरा जलप्रपात है. वाशिंगटन से बुफैलो के बीच का सफर बेहद सुंदर नजारों से भरा रहा. चारों ओर हरियाली दिखती है. कुछकुछ अंतराल में तालाब व नदियां दिखती हैं. हम वहां गरमी में गए थे, परंतु नदियों में पानी लबालब भरा हुआ मिला. कनाडा की सीमा से लगा नियागरा जलप्रपात 3 झरनों का समूह है और एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्राकृतिक नजारा भी. एयरी ताल का पानी झरने के रूप में 59 मीटर नीचे गिर कर औनटोरियो ताल में जा मिलता है और नियागरा जलप्रपात का स्वरूप लेता है. ‘मेड औफ द मिस्ट’ नाम की नौकाएं पर्यटकों को इन झरनों के अत्यंत नजदीक भी ले जाती हैं. गीले होने से बचने के लिए नौकाओं में बरसातियां उपलब्ध कराई जाती हैं. ऊंचाई से गिरता हुआ पानी दूध सा गोरापन लिए जलकणों का एक धुंध बना देता है जिस की छटा देखने लायक होती है.
नियागरा के इस अलौकिक दृश्य को देख कर पर्यटक को अनायास ही तृप्ति मिलती है कि हजारों मील का सफर तय कर के और तमाम पैसा खर्च कर नियागरा जलप्रपात आने का उस का निर्णय उचित ही रहा. उस को यह सुखद एहसास भी होता है कि वह वसुधा के उस प्रख्यात व अद्वितीय भौगोलिक लोकेशन के समीप है जहां 5 बड़े ताल मिशिगन, सुपीरियर, हुरौन, एयरी और औनटोरियो स्थित हैं.
इन में से पहले 3 ताल हमारे देश के कई छोटे राज्य – मिजोरम, सिक्किम, त्रिपुरा, नागालैंड व गोआ आदि से भी बड़े हैं. ये तालाब अमेरिका और कनाडा की सीमा पर स्थित हैं. इन में से एक ताल लेक सुपीरियर 406 मीटर गहरा है और यह दुनिया में मीठे पानी की सब से विशाल प्राकृतिक संरचना है. हालांकि विश्व में सब से अधिक पानी डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा गहरी, समुद्र सी दिखती, साइबेरिया स्थित लेक बाईकल में है.
हमें यह जान कर हैरानी हुई कि अमेरिका के अलास्का राज्य में 3 लाख से अधिक तालाब हैं और सरहद पार कनाडा में तो इतने ताल हैं कि उन की गणना आज तक नहीं हो पाई है. खैर, यह तो रही यूएसए के पूर्वी हिस्से की कहानी. इस हिस्से में एटलांटा भी स्थित है जबकि दक्षिणपूर्वी छोर पर मियामी. मियामी फ्लोरिडा राज्य में है और उस का बीच बहुत ही लोकप्रिय है. मियामी कर्क रेखा के समीप स्थित होने के कारण तुलनात्मक दृष्टि से, बाकी राज्यों से अधिक गरम है. इसलिए समुद्र तट पर धूप सेंकने (सन बाथिंग) हेतु सैकड़ों अमेरिकी व पर्यटक मियामी बीच पर रोज घंटों व्यतीत करते हैं.
अमेरिका के पश्चिमी तट पर लास एंजलिस, सैन फ्रांसिस्को व थोड़े अंदर की तरफ लास वेगास जैसे प्रसिद्ध शहर बसे हैं. लास वेगास यानी कैसिनो, बार, नृत्य और रंगीन शाम बिताने के लिए एक चकाचौंध से भरी दुनिया.
नेवाड़ा के मरुस्थल स्थित यह शहर गत शताब्दी में पाप नगरी (सिन सिटी) के नाम से भी जाना जाता था और कई दशकों से यह नौजवानों व पर्यटकों के लिए हौट स्पौट बन गया है. लास वेगास में जुआ खेलने की प्रथा शहर की आबोहवा में घुली है. इसलिए यहां होटल में भी कैसिनो जरूर मिलेंगे. संगीत, नृत्य, मदिरा, शबाब इस शहर की संस्कृति का अंश हैं. यहां के होटल ग्राहकों को लुभाने के लिए अलगअलग तरीके अपनाते हैं. एक होटल तो वर्ष 2010 तक अपने रिसैप्शन के पास जिंदा शेर (पिंजरे में) रखता था. यहां किसी होटल में मिस्र के पिरामिड और स्फिन्कस की नकल, किसी में स्टैच्यू औफ लिबर्टी की नकल व किसी में एफिल टावर की नकल बहुत ही आकर्षक तरीके से की गई है.
यूएस क्या विश्वभर के मनोरंजन की राजधानी लास वेगास ही है. इस का ग्लैमर अद्वितीय है. लास वेगास के नजदीक 2 बहुत मशहूर स्थल हैं. एक, प्राकृतिक दूसरा मानव निर्मित. प्राकृतिक है ग्रैंड कैन्यन जोकि वसुधा पर एक अद्भुत संरचना है और वास्तव में एक बेहद लंबी, विशाल व गहरी खाई है. दूसरा, स्थल मानव निर्मित बांध है जिसे हूवर डैम के नाम से जाना जाता है.
गैंड कैन्यन लगभग 5 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पर फैली एक खोह है. यह 1500 मीटर से 2100 मीटर तक गहरी है. यह प्रकृति की एक अद्वितीय कृति है और विश्व के आश्चर्यों में गिनी जाती है. लाखों पर्यटक इस को देखने के लिए लास वेगास आते हैं. हूवर डैम, कोलारेडो नदी पर बना है और इस से न केवल नदी के मनमाने तरीके से बहने की धुन पर लगाम कसी गई बल्कि इस से पनबिजली उत्पादन, बेहतर सिंचाई व बाढ़ पर अंकुश लगाने जैसे असीमित फायदे भी हुए. यह बांध यूएसए के एक पूर्व वाणिज्य सचिव व बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति बने हर्बट हूवर की लगन व सहयोग से बनना संभव हो पाया, इसलिए इस का नाम उन के नाम पर ही रखा गया.
लास एंजलिस शहर, हौलीवुड फिल्म उद्योग का गढ़ है. कई मशहूर सितारे यहां बेवरली हिल्स व अन्य कालोनियों में निवास करते हैं. यहां का सांटा मानिका बीच सैलानियों में लोकप्रिय है. लास एंजलिस में लकड़ी के बिजली के खंभे हैं जोकि कई दशकों से शहर की विद्युत व्यवस्था का अंग हैं. ये कैलीफोर्निया के जंगल की ‘रैड वुड’ से बने हैं, जोकि बहुत मजबूत व दीर्घायु की लकड़ी होती है.
लास एंजलिस में बारिश कम होती है, केवल जाड़ों में थोड़ी सी. हर घर में अग्नि निर्गम (फायर एक्जिट) की लोहे की सीढि़यां बनी हुई हैं. यहां जाड़ों में सीमित जाड़ा पड़ता है व गरमियों में मौसम सुहाना रहता है. लास एंजलिस में पाम के पेड़ हर तरफ दिखते हैं. यहां पीने के पानी के लिए समीप की पहाडि़यों में ‘पूल’ हैं जहां से पाइपलाइन के जरिए पानी शहर में लाया जाता है. लास एंजलिस के नजदीक एस्टेशिया नामक एक उपनगर है जहां भारतीय मूल, एशिया महाद्वीप व अन्य देशों के लोगों की काफी आबादी निवास करती है.
लास एंजलिस जाएं तो ‘यूनिवर्सल स्टूडियो’ अवश्य जाएं. इस स्टूडियो में फिल्म की आवश्यकतानुसार विभिन्न सैट बने हैं और एक बच्चों की ट्रेन के जरिए स्टूडियो में घुमाते हुए आप को विभिन्न दृश्य जैसे बाढ़, आग, कारों के स्टंट सीन आदि कैसे फिल्माए जाते हैं, दिखाया जाता है. भारत में हैदराबाद शहर स्थित रामोजी फिल्म सिटी इसी का एक लघु रूप है. लास एंजलिस के तमाम स्टूडियो में से आम दर्शक को प्रवेश केवल यूनिवर्सल स्टूडियो में ही मिलता है.
अमेरिका के पश्चिम तट स्थित सैन फ्रांसिस्को शहर अमेरिका का सब से खूबसूरत शहर है. बंदरगाहों में सैन फ्रांसिस्को बंदरगाह विश्व में सब से बड़ा है. पिछले 25 वर्षों से सैन फ्रांसिस्को शहर विश्वभर में पर्यटकों का सब से लोकप्रिय शहर रहा है. इस के बाद दूसरे स्थान पर फ्रांस का पेरिस शहर आता है. सैन फ्रांसिस्को में सबकुछ है जैसे ऊंचे पहाड़, समुद्र, आकर्षक बागबगीचे, शहर विचरण के लिए बिजली चालित ट्राम कार (जिन्हें केबिल कार कहा जाता है). यहां ‘ट्विन पीक्स’ नाम का एक पहाड़ है जहां से एक तरफ नीला समुद्र दिखता है तो दूसरी ओर पूरा शहर. बीचबीच में जब समुद्र से धुंध उठ कर शहर की तरफ बढ़ती दिखती है तो एक मनोरम दृश्य बन जाता है. बादल के टुकड़े भी इस पहाड़ से उड़उड़ कर शहर की तरफ जाते महसूस होते हैं. इस शहर की आभा ही निराली है यहां गरमियों में भी हलकी सी ठंडक का आभास होता है. शहर में उतारचढ़ाव बहुत हैं जोकि यहां की गलियों की ढाल और इमारतों की कतारों में अत्यंत लुभावने लगते हैं. इस शहर का मुख्य आकर्षण है ‘गोल्डन गेट ब्रिज’. इस के 260 मीटर टावर दुनिया के सब से ऊंचे ‘ब्रिज टावर’ हैं. यह पुल जब निर्मित हुआ था तब निर्माण की उच्च तकनीक की एक मिसाल बन गया था. सैन फ्रांसिस्को का एक और आकर्षण समुद्री गंतव्य है, ‘फिशरमैन वार्फ’, जहां समय कैसे कट जाएगा आप को पता ही नहीं चलेगा. ‘सी फूड’ यानी समुद्री खाने के लिए यह वार्फ विश्वविख्यात है. इस क्षेत्र में खरीदारी का शौक पूरा करने के लिए कई अच्छी दुकानें हैं.