लेखक: देव तंवर  

सामान्य शब्दों में ट्रेकिंग का अर्थ है एक निश्चित लक्ष्य के साथ पहाड़ों और ऊंची चट्टानों की चढ़ाई चढ़ना. इस में बहुत ही ज्यादा बल और संबल के साथ भरपूर जोश का होना आवश्यक है. ट्रेकिंग के लिए भारत में सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख पौपुलर डैस्टिनेशंस हैं.

उत्तराखंड विश्वभर में ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध है. यहां विश्व के कुछ सब से ऊंचे ट्रेक व पर्वतशृंखलाएं हैं. यह प्रदेश ऊंची पर्वत चोटियों, घने जंगलों, बर्फ से घिरे ग्लेशियर्स और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है.

उत्तराखंड में एक से बढ़ कर एक ट्रेक हैं जिन में चंद्रशिला सब से ऊंचा ट्रेक है. मैं ने चंद्रशिला ट्रेक के बारे में सुना और वहां जाने के लिए मन बना लिया. अपने ट्रैवल एजेंट से बात करने पर मैं ने 6,000 रुपए में यह ट्रेक बुक किया. मैं और मेरे साथ कुछ अनजान साथी अक्षरधाम मंदिर से मिनी बस में चढ़े. हमें मिनी बस से सारी गांव ले जाया गया जहां से देवरियाताल तक 2.5 किलोमीटर का ट्रेक था जिसे हम ने 3 घंटों में पूरा किया. हमारे साथ ट्रैवल एजेंसी का एक गाइड था, जिसे पूरे ट्रेक में हमारा साथ देना था.

ट्रेकिंग के लिए जरूरी सामान

गरम कपड़े ले जाएं जो कंफर्टेबल हों.

अच्छे ट्रेकिंग या स्पोर्ट्स शूज.

खानेपीने का सामान.

रेनकोट साथ रखना बहुत जरूरी है क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में कभी भी वर्षा हो सकती है.

अपने साथ कैमरा या एक से ज्यादा इलैक्ट्रिकल चीजें ले जा रहे हैं तो एक्सटैंशन बोर्ड रखना न भूलें. कुछ देर के लिए होटल या कैफे में बिजली मिले तो आप आसानी से सब एकसाथ चार्ज कर सकते हैं.

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