घूमनाफिरना कोई रौकेट साइंस नहीं है कि ज्यादा गुणाभाग किया जाए. जब चार यार कहें कि निकल चलें कहीं तो बैग पैक करें और निकल जाएं उस अनजाने सफर पर जो ले जाए आप को उस रोमांच से भरी दुनिया में जहां पहाड़, नदी, समुद्र, जंगल, रेगिस्तान, पगडंडियां, सुदूर गांवकसबे, बड़े शहर बांहें पसारे आप का इंतजार कर रहे हैं. इस के लिए आप के खर्चे और हौसले में कोई कमी नहीं होनी चाहिए फिर ठहरिए महंगे रिजौर्ट में या सस्ते होमस्टे में. जाइए दोस्तों के साथ या अपने पार्टनर के साथ.

कभी दोस्त, परिवार या पार्टनर न भी साथ हों तो सोलो ट्रिप के औप्शन को चूज करें और जिंदगी की आपाधापी में से कुछ समय निकाल कर चल दें नई जगहों को एक्सप्लोर करने. दिमाग में बस, मकसद बना कर चलिए कि घूमने का जो मौका मिला है उस में खूब मौजमस्ती करनी है. हर वह चीज करनी है जो जगह और माहौल के हिसाब से बढि़या हो, आखिर मन और चाहता भी क्या है.

असल में यही तो पर्यटन है जिस में युवा और दूसरे यह देखते व महसूस करते हैं कि दुनिया कितनी रंगबिरंगी, खूबसूरत और हसीन है. शहरों की भीड़भाड़, थकान और उकताऊ जिंदगी में फ्रैशनैस लाने के लिए इस से बढि़या और कुछ नहीं कि बैग उठा कर चल दो उन जगहों के लिए जहां सुकून मिले, जहां भगदड़ न हो, जहां सिर्फ आप खुद के होने को महसूस कर सको. आजकल स्मार्टफोन दुनियाजहान की सारी जानकारियां दे देता है. बस, एक क्लिक से आप ट्रांसपोर्ट, होटल, फूड की सुविधा ले सकते हैं. बस, सर्च यह करना है कि डैस्टिनेशन पर जा कर क्या देखना है और मिस नहीं करना है.

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