कनाडा में रहते हुए हमें 1 साल हो गया था. इस 1 साल के दौरान वहां के कई दर्शनीय स्थल देख चुके थे. विश्वप्रसिद्ध नियाग्रा जलप्रपात जो हमारे टोरंटो के घर से 60 किलोमीटर दूर था, फिर भी कई कारणों से न देख पाए. दिल्ली से कुछ मित्र आए तो मित्रों के कहने पर नियाग्रा फौल्स देखने का प्रोग्राम बना लिया. लगभग 3.8 करोड़ की आबादी वाले कनाडा में हजारों की संख्या में भारतीय भी रहते हैं. लेक ओंटारियो के टोरंटो हार्बर पर बसा लगभग 25 लाख की आबादी वाला शहर टोरंटो, कनाडा के ओंटारियो प्रांत का मुख्य शहर होने के साथसाथ मुख्य व्यापारिक एवं आर्थिक केंद्र भी है.

कनाडा को झीलों का देश भी कहा जाता है. लेक ओंटारियो, लेक हारोन, लेक ईरी, ज्योर्जियन बे आदि ऐसी कई झीलें हैं. हरेभरे जंगल, मीलों लंबी बड़ीबड़ी झीलें, प्राकृतिक सौंदर्य के केंद्र विश्वप्रसिद्ध वाटर फौल्स, मनमोहक बीचेस, सुंदर एवं आकर्षक पार्क्स, आलीशान म्यूजियम्स, आकाश को छूती इमारतें, टावर्स, मौल्स, मनोरंजन के अत्याधुनिक केंद्रों आदि की यहां कोई कमी नहीं है. हमारी रुचि खासतौर से कनाडा के वाटर फौल्स देखने में ज्यादा थी. वैसे तो दुनिया में ऊंचे, रंगबिरंगे इंद्रधनुष तथा प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण अनेक जलप्रपात हैं लेकिन कनाडा का नियाग्रा फौल्स अपनी भव्यता, चौड़ाई, गिरते पानी की गर्जना तथा गिरते पानी की बूंदों से बनते अत्यंत मनमोहक इंद्रधनुष के कारण विश्वप्रसिद्ध है. इस की मनोहारी छवि और छटा को देखने के लिए विश्व के दूरदूर के देशों से पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं.

पानी ने सदा मनुष्य को अपनी ओर आकर्षित किया है. चाहे वह पानी नदी का हो, झील का हो, समुद्र का हो, जंगलों में कलकल करते झरने का हो या गरजतेउफनते प्रपात हों. गिरता पानी मन मोह लेता है. गर्जना करते पानी की नन्हीनन्ही बूंदों का हवा में उछल कर शरीर पर गिरना या जलप्रपात के गिरते पानी से उठती धुंध आप को रोमांचित कर देती है. कनाडा में अनेक दर्शनीय नैनाभिराम वाटर फौल्स हैं जिन में नियाग्रा अपनी सुंदरता के लिए विश्व में प्रसिद्ध है. नियाग्रा फौल्स के विषय में तो हम बचपन से ही पढ़तेसुनते आए थे, सो नियाग्रा फौल्स देखने की मन के अंदर उत्सुकता कुछ अधिक ही थी.

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