गरमी की छुट्टियों में पहाड़ से बेहतर और क्या हो सकता है. पश्चिम के उत्तर में हिमालय की पर्वतशृंखला में छुट्टी बिताना तनमन के लिए नई ताजगी से कुछ कम नहीं. दार्जिलिंग, कलिंपोंग कहीं भी जाया जा सकता है. इन के आसपास कई ऐसी जगहें हैं जो रुटीन पहाड़ पर्यटन से जरा हट कर हैं. कुछ साल पहले गंगटोक का मिरीक इसी तरह लोकप्रिय हुआ था. ऐसी ही एक जगह है मांगुआ. यह पर्यटनस्थल दार्जिलिंग जिले में ही है. लेकिन यहां का नजदीकी शहर कलिंपोंग है. स्थानीय लेपचा भाषा में यह मांगमाया के नाम से भी जाना जाता है. मांगुआ दरअसल ईको टूरिज्म के रूप में उभर रहा है.

रात को सियालदह स्टेशन से छूटने वाली दार्जिलिंग मेल से रवाना होने पर अगले दिन सुबह न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचा जा सकता है. जलपाईगुड़ी से मांगुआ जाने के रास्ते से ही पर्यटन की मौजमस्ती का लुत्फ उठाया जा सकता है. मांगुआ जाने के रास्ते में लोहापुल में सुबह का नाश्ता किया जा सकता है. लोहापुल के आगे तिस्ता बाजार पड़ता है. तिस्ता बाजार में स्थानीय हस्तशिल्प का सामान मिलता है. तिस्ता बाजार से ही चढ़ाई शुरू हो जाती है. मांगुआ 2 भागों में बंटा है. छोटा मांगुआ और बड़ा मांगुआ. दोनों के बीच दूरी 2 किलोमीटर की है. मांगुआ पहुंचने के रास्ते में नारंगी के बागान के साथ लाल रंग के एक पहाड़ी फूल के पौधे पर्यटकों का स्वागत करते हैं. हालांकि मांगुआ पर्यटन के लिए अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है. इसीलिए इस रास्ते की सड़क थोड़ी दिक्कत पैदा कर सकती है. बड़ा मांगुआ तक रास्ता अच्छा है. इस के बाद का रास्ता फिलहाल ऊबड़खाबड़ है. सड़क है तो पक्की, पर खस्ताहाल है.

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जिंदगी की भागदौड़ के बीच सुकून वाले ईको फ्रैंडली मांगुआ में चायबागान, नारंगी के बागान, नाथुला रेंज, सूर्योदय का नजारा, तिस्ता नदी और कंचनजंगा का प्राकृतिक नजारा मन मोह लेता है. यहां रिवर राफ्टिंग का भी लुत्फ उठाया जा सकता है.यहां रहने के लिए कई रिजौर्ट हैं. इन में से एक है दार्जिलिंग ब्लौजम ईको टूरिज्म कौम्प्लैक्स. छोटा मांगुआ और बड़ा मांगुआ- दोनों में रिजौर्ट हैं. यह जगह पहाड़ पर एक द्वीप की तरह है. इस के 3 ओर खाई हैं और चौथी ओर पर्वतशृंखला है. रिजौर्ट में कुल 29 बैड हैं. 2, 3 और 4 बैड के रूम भी हैं. कौटेज बहुत ही खूबसूरत है. तमाम सुखसुविधाओं से लैस और मनमोहक साजसज्जा. रिजौर्ट सोलर सिस्टम से चलता है. कमरे से कंचनजंगा का नजारा देखते ही बनता है.

पहले से बुक कर लेने पर न्यूजलपाईगुड़ी में रिजौर्ट की गाड़ी रिसीव करने के लिए पहुंच जाएगी. हां, रिजौर्ट के आसपास और कोई होटलरेस्तरां नहीं हैं लेकिन सुबह के नाश्ते से ले कर लंचडिनर सब रिजौर्ट में उपलब्ध है. रिजौर्ट के पास ही में टकलिंग गांव है, यहां एक पुरानी मोनैस्ट्री है. इस के बाद बड़ा मांगुआ जाया जा सकता है. यहां और्किड समेत तरहतरह के पहाड़ी फूलों के बागान हैं. साथ में औरेंज जूस की एक फैक्टरी है. तिस्ता बाजार के करीब तिस्ता और रंगीत नदियों का संगम है. यहीं से करीब में लवर्स मिडव्यू पौइंट है. यहां से थोड़ी दूरी पर लामाहाट में एक खूबसूरत पार्क है.

यहां पहुंचने का हवाई रास्ता बागडोगरा से है. बागडोगरा एअरपोर्ट यहां से सब से नजदीक है. इस के अलावा हावड़ा और सियालदह से ट्रेन के जरिए बहुत सारे साधन हैं. हावड़ा से शताब्दी ऐक्सप्रैस, सराईघाट ऐक्सप्रैस. सियालदह से कंचनजंगा ऐक्सप्रैस, दार्जिलिंग मेल, तिस्तातोर्सा, पदातिक ऐक्सप्रैस और न्यू जलपाईगुड़ी है.

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