दिल्ली घूमने आए हैं तो क्या देखेंगे? लालकिला, इंडिया गेट, कुतुबमीनार, पुराना किला, लोटस टैंपल, जंतरमंतर या फिर जामा मसजिद? सब देख सकते हैं, इन सभी जगहों तक जाने के लिए दिल्ली के किसी भी कोने से आटो, कैब या बस आप को मिल जाएंगे. आटो या कैब 100 से 250 रुपए के बजट में आप को घंटेदोघंटे समय के अंतराल में पहुंचा देंगे.

दिल्ली के राजपथ पर स्थित इंडिया गेट को दिल्ली का सिग्नेचर मार्क भी कह सकते हैं. इस का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में मारे गए 90 हजार भारतीय सैनिकों की स्मृति में कराया गया था. 160 फुट ऊंचा इंडिया गेट देखते ही बनता है. जिन सैनिकों की याद में यह बनाया गया था उन के नाम इस इमारत पर अंकित हैं. इस के अंदर अखंड अमर जवान ज्योति भी जलती रहती है. इस के पास में ही संसद भवन और राष्ट्रपति भवन हैं जहां का मुगल गार्डन उम्दा स्थान है पर्यटन के लिए. राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन कुछ दिनों के लिए खुलता है पर्यटकों के लिए, खासतौर से नएनए किस्म के फूलों की प्रजाति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए. लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर मंडी हाउस है. कलाप्रेमियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के शौकीन पर्यटकों के लिए यह माकूल जगह है.

पुराने किले में पुराने खंडहर हैं और बोटक्लब है जहां सैलानी अपने परिवार के साथ नौकायन का आनंद उठाते हैं. इस में प्रवेश करने के 3 दरवाजे हैं. हुमायूं दरवाजा, तलकी दरवाजा और बड़ा दरवाजा. वर्तमान में सिर्फ बड़ा दरवाजा ही प्रयोग में लाया जाता है.

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