दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आगरा एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है. यह शहर जहां उर्दू के मशहूर शायर ‘मिर्जा गालिब’ की जन्मस्थली रहा है वहीं मशहूर संगीतज्ञ उस्ताद फैयाज खान भी आगरा घराने के थे. मुगलकाल में आगरा मुगल साम्राज्य की राजधानी बन कर प्रसिद्ध हुआ. 1526 में यह मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर के हाथों में आया था. 1571 में अकबर ने आगरा में एक किले का निर्माण करवाया. जहांगीर और शाहजहां के शासनकाल में आगरा नगर चारदीवारी से घिरा था जिस में 16 प्रवेशद्वार थे. 1803 में आगरा ईस्ट इंडिया कंपनी के कब्जे में आ गया. उत्तर भारत में ब्रिटिश शासन का विस्तार होने पर आगरा को उत्तरपश्चिम सूबों की राजधानी बना दिया गया. यों तो इस का क्रमबद्ध इतिहास लोदी काल से ही शुरू होता है पर इस के वर्तमान रूप को सजानेसंवारने का श्रेय मुगलों को जाता है.
दर्शनीय स्थल
ताजमहल : आगरा के दर्शनीय स्थलों में यह सब से अधिक लोकप्रिय है. यमुना तट पर सफेद संगमरमर से बनी यह इमारत शाहजहां और उस की बेगम मुमताज के प्यार की यादगार है, जो 1653 में बन कर तैयार हुई थी. इस के निर्माण में लगभग 22 वर्ष का समय लगा था. ताजमहल के प्रवेशद्वार पर कुरान की आयतें उत्कीर्ण हैं और ऊपर की ओर कई छोटेछोटे गुंबद बने हैं. ताजमहल की रूपरेखा ईरान के वास्तुविद उस्ताद ईसा ने बनाई थी. इस महल की अद्वितीय नक्काशी देखने लायक है. महल में बनी छतरियों पर कीमती पत्थर और रत्न जड़े थे ताजमहल के चारों तरफ लाल पत्थरों की ऊंची चारदीवारी है जिस में पूर्व, पश्चिम और दक्षिण दिशा में खुलने वाले 3 दरवाजे हैं. इस का मुख्यद्वार दक्षिणी दरवाजा ही है.
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