स्मार्टफोन लेने से पहले अन्य स्पेसिफिकेशन्स के साथ-साथ आजकल सभी लोग डिस्प्ले की सुरक्षा के लिए गोरिल्ला ग्लास प्रोटेक्शन पर भी ध्यान देते हैं. यह फीचर तो अब काफी आम भी हो चला है. गोरिल्ला ग्लास से फोन की स्क्रीन को सुरक्षित रखता है. लेकिन क्या आपको इस जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में पता है? क्या आप जानते हैं की गोरिल्ला ग्लास के भी कई प्रकार होते हैं. इस खबर में हम आपको गोरिल्ला ग्लास के बारे में बताने की कोशिश करेंगे, ताकि अगली बार आप समझ पाएं की कौन सा ग्लास कितना टिकाऊ है.
जानकारों के मुताबिक - ''कोर्निंग गोरिल्ला ग्लास स्मार्टफोन्स की स्क्रीन के लिए सबसे बेहतर है. गोरिल्ला ग्लास के कई वर्जन फिलहाल मार्किट में उपलब्ध हैं. इन्हे आमतौर पर नंबर के जरिये जाना जाता है. हर नंबर के ग्लास की अलग क्षमता होती है. यही की नंबर के हिसाब से इनकी अलग-अलग क्वालिटी होती है.''
आखिर गोरिल्ला ग्लास होता क्या है?
स्मार्टफोन की स्क्रीन इतनी हार्ड नहीं होती की कहीं गिरने या लगने पर उसे टूटने से बचाया जा सके. इसके विपरीत गोरिल्ला ग्लास से बनी स्क्रीन के लिए ऐसा दावा किया जाता है की कहीं गिरने या टकराने पर भी फोन की स्क्रीन सुरक्षित रहती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गोरिल्ला ग्लास कठोर तरीके से बनाया जाता है. इसे कोर्निंग गोरिल्ला ग्लास इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसे कोर्निंग नाम की कंपनी बनती है.
गोरिल्ला ग्लास कितना स्ट्रांग होता है?
हार्डनेस को मापने का एक स्केल होता है, इस स्केल को mohs scale of hardness कहा जाता है. इस स्केल में जो सबसे ज्यादा मजबूत होगा, उसका उतना ही नंबर ज्यादा होगा. उदाहरण के लिए- हीरा सबसे कठोर धातु है. इसलिए उसे 10 नंबर मिला है. इस स्केल के अनुसार गोरिल्ला ग्लास 6.5 स्केल तक की खरोंच सहन कर सकता है. इसका मतलब गोरिला ग्लास स्क्रीन वाला फोन अगर किसी पदार्थ से टकराता है और उसकी हार्डनेस 6 या 6.5 तक होगी तो स्क्रीन पर उसका कोई असर नहीं पड़ेगा.