कुछ ही समय में सरकारी सेवाओं के लिए एक नया मोबाइल ऐप आने वाला है. कुछ सरकारी अधिकारियों की मानें तो आने वाले चार महीनों के अंदर नागरिकों के लिए एक सरकारी मोबाइल ऐप लॉन्च किया जा सकता है जिसका नाम 'उमंग' होगा.

हालांकि शुरू में इस ऐप से कुछ ही सरकारी सेवाएं जोड़ी जाएंगी. इनमें सबसे पहले इस ऐप से आधार को जोड़ा जाएगा जो सभी सेवाओं के लिए मान्य है. इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं और किसानों व छात्रों के लिए चलाए जाने वाले स्किल डिवेलपमेंट कार्यक्रम को भी इससे जोड़े जाने की योजना है.

इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'चूंकि अधिकांश सरकारी सुविधाएं आधार से लिंक की जा रही हैं इसलिए इसे उमंग के साथ जोड़ा जाएगा. इससे नागरिकों को अलग-अलग सरकारी विभागों के लिए अलग ऐप डाउनलोड करने से छुटकारा मिलेगा.'

इस एक एकीकृत ऐप के जरिए केंद्र व राज्य सरकारों की सेवाओं के साथ-साथ म्युनिसिपल सेवाओं के बारे में भी जानकारी ली जा सकेगी. उन्होंने बताया, 'इससे कई सरकारी विभागों की कार्यकुशलता में इजाफा होगा, साथ ही उन्हें डिजिटल प्लैटफॉर्म पर अपने ऐप और प्रॉजेक्ट बनाने से छुटकारा मिलेगा.'

गौरतलब है कि अभी अधिकांश सरकारी विभागों के पास अपने सरकारी ऐप नहीं हैं. भविष्य में उमंग के जरिए डिजिटल लॉकर, आधार और सारे सरकारी विभागों के लिए सिंगल गेटवे विकसित किया जाएगा. इससे सरकार द्वारा टेंडर डॉक्युमेंट और ऐप तैयार करने के लिए कंसल्टैंट पर किए जाने वाले खर्च में भी कमी आएगी.

उमंग को विकसित करने के लिए नोएडा स्थित स्पाइस कनेक्ट ग्रुप की स्पाइस डिजिटल को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. दिसंबर 2019 तक इस प्रॉजेक्ट में लगभग 200 अलग-अलग ऐप को शामिल कर लिया जाएगा. स्पाइस ग्रुप इसके लिए आधार बेस्ड KYC, डीजीलॉकर के जरिए डॉक्युमेंट ऐक्सेस और सरकारी पेमेंट गेटवे PayGov को उमंग ऐप से जोड़ने में सहायता करेगा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...