आजकल ईमेल ट्रैकिंग टूल बड़े आसानी से आपके लोकेशन और दूसरी जानकारी आपसे झटक सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा.कई ऐसे ईमेल ट्रैकिंग टूल बाजार में मिल रहे हैं और उनका काम सिर्फ एक है - ये पता करना कि एक बार ईमेल भेज दिया जाता है उसके बाद उसका क्या होता है. कंपनियां जब अपने ग्राहकों को ईमेल भेजती हैं तो वो इसका इस्तेमाल कर सकती हैं. कई बार ऑफिस के अंदर भी ईमेल पर ऐसे ही नजर रखी जाती है. अगर आप क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं तो उसके भी कई एक्सटेंशन हैं जो भेजे गए ईमेल पर नजर रखते हैं. बनानाटैग जैसी कंपनी का यही काम है और मेल भेजते समय सिर्फ इसके 'ट्रैक ईमेल' फीचर को टिक करना होता है. अगर आप और खर्च करने को तैयार हैं तो और भी जानकारी आपको मिल सकती है.

आम तौर पर ईमेल ट्रैक करने की जरुरत कंपनियों को होती है क्योंकि वो ग्राहकों की पसंद को समझने की कोशिश करते हैं. अगर ईमेल पढ़कर आपने उसे किसी को फॉरवर्ड किया तो उसकी भी खबर ऐसे सॉफ्टवेयर के पास पहुंच जाती है. जीमेल इस्तेमाल करने वालों के लिए बूमेरैंग भी इस्तेमाल किया जा सकता है. आपकी जरुरत के लिए 10 ईमेल महीने में आप फ्री ट्रैक कर सकते हैं. अगर आप करीब 325 रुपये महीने खर्च को तैयार हैं तो सभी कंप्यूटर या मोबाइल पर देखे जा रहे ईमेल पर नजर रख सकते हैं. क्रोम ब्राउजर पर मेल2क्लाउड पर आप 14 दिन तक उसके सभी फीचर मुफ्त इस्तेमाल कर सकते हैं. जीमेल के साथ-साथ ये माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक के साथ-साथ भी काम करता है.

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