आज देश में बड़ी संख्या में युवा खुद के मजे या अपना साथी ढूंढने के लिए कुछ डेटिंग ऐप्स जैसे टिंडर, ओकेक्यूपिड, हैपन, वीचैट, पैक्टर आदि का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये डेटिंग ऐप्स यूजर्स के सेंसिटिव डेटा को सावधानी से संरक्षित करने के बजाय हमारे फोन से कई तरह के डेटा को चोरी कर रहे हैं.
इस ऐप में यूजर के लोकेशन और उनका नाम उजागर होने का भी खतरा बढ़ता नजर आ रहा है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक 48 प्रतिशत लोग केवल अपने मजे के लिए, 13 प्रतिशत लोग सेक्स के लिए जबकि कुछ लोग वास्तव में सीरियस रिलेशनशिप के लिए इन डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं. औनलाइन डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग इन डेटिंग प्रोफाइल पर आसानी से सार्वजनिक रूप से अपना पूरा नाम और लोकेशन शेयर करते हैं.

अगर आप भी इस तरह का डेटिंग ऐप्स इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है. घबराइये नहीं क्योंकि आपको ऐसी डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल बंद करने की कोई आवश्यकता नहीं है, जरूरत है तो आपको सतर्क रहने और यह समझने की कि कैसे आप अपने फोन या सिस्टम से जरूरी डेटा के चोरी होने के रिस्क से बच सकते हैं.

जब एक्सपर्ट्स ने 9 पौपुलर डेटिंग ऐप्स टिंडर, बम्बल, ओकेक्यूपिड, बडू, मैंबा, जूस्क, हैपन, वीचैट, पैक्टर और उनसे यूजर्स को होने वाले संभावित खतरों पर रीसर्च की तो उसमें पाया कि 9 में से 4 ऐप्स पर अपराधी, यूजर्स द्वारा दिए गए डेटा के आधार उनके बारे में जानकारियां चुरा रहे हैं. इन जानकारियों से वे यूजर की सोशल मीडिया प्रोफाइल और असली नामों का भी पता लगा रहे हैं.

इस स्टडी में यह भी सामने आया कि 9 में से 8 ऐंड्रायड ऐप्लिकेशन पर साइबर क्रिमिनल्स के लिए काफी ज्यादा सूचनाएं चुराए जाने के लिए उपलब्ध थीं. इसके जरिये अगर कोई आपकी लोकेशन के बारे में जानना चाहता है तो 9 में से 6 ऐप्स यह जानकारी आसानी से बता देती है. केवल ओकेक्यूपिड, बम्बल और बडू यूजर की लोकेशन डेटा को लौक करके रखती हैं. स्टडी मे बताया गया कि थोड़ी सी कोशिश से औनलाइन क्रिमिनल अपने शिकार (यूजर) की सटीक लोकेशन जान सकते हैं.
एक्सपर्ट्स ने कहा, हमने इन ऐप्स के डिवेलपर्स को रिसर्च में पाये गये इन खतरों के बारे में बताया था, जिसके बाद कुछ ऐप्स में से इन कमियों को ठीक कर लिया गया है जबकि कुछ ने जल्द ही इन कमियों को ठीक किए जाने का वादा किया है. हालांकि सभी डिवेलपर ने इन सभी कमियों को ठीक किए जाने का कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है.




 
  
  
  
             
        




 
                
                
                
                
                
                
                
               