नरगिस जो सोच कर दिलशाद बेगम का कोठा छोड़ कर भागी थी, जब उसे वैसा ही माहौल भाई के घर में भी मिला तो उसे लगा, इस से अच्छा तो दिलशाद बेगम का कोठा ही था. अंतर सिर्फ इतना है कि यहां डांस को आर्ट कहा जाता है और वहां मुजरा.