Hindi Best Story : रोहित एक वतनपरस्त सैन्य अफसर था. अपने ऊपर गद्दार होने का कलंक कैसे सह सकता था. हालात में फंसा रोहित क्या खुद को बेगुनाह साबित कर पाया?
कर्नल शंकर को अचानक आते देख कर मेजर रोहित चकित हो गया और सोच में पड़ गया- न कोई खबर, न वायरलैस, न संदेश. जरूर ही दुश्मन की तरफ से कोई गतिविधि देखी गई होगी, उस पर आवश्यक चर्चा करनी होगी या मंत्रालय से कोई आदेश होगा जो कर्नल साहब को एडवांस पोस्ट तक खुद आना पड़ा.
‘‘जयहिंद, सर,’’ मेजर रोहित ने जल्दी से एडि़यां जोड़ कर सैल्यूट किया, ‘‘सौरी सर, मु?ो आप के आने की इत्तला नहीं थी वरना मैं आप से बेस पर मिल लेता.’’
कर्नल शंकर ने सिर हिला कर मानो रोहित की बात को कोई तवज्जुह नहीं दी, ‘‘एक जरूरी काम है, मेजर रोहित. मिनिस्ट्री की सिफारिश पर टीवी चैनल के 2 संवाददाता फौरवर्ड पोस्ट पर एक स्टोरी बनाने के लिए आ रहे हैं. आप उन्हें साथ ले जा कर अपने औपरेशन और मुस्तैदी के बारे में शूट करने देना और साथ ही, उन को पूरी सुरक्षा देना.’’
मेजर रोहित की निराशा उस के चेहरे के भावों तक आ गई, ‘‘हम यहां अपना काम करते हैं, सर. देश की रक्षा करते हैं, कोई जलसा या प्रदर्शनी आयोजित नहीं करते कि लोग हमें देखने आएं और हम पर स्टोरी बनाएं.’’
‘‘आप ठीक कह रहे हैं, मेजर साहब. मगर देश जानना चाहता है कि हम काम क्या करते हैं, कैसे करते हैं, हमारी तकलीफें क्या हैं, दिक्कतें क्या हैं, कैसीकैसी परिस्थितियों में हम दुश्मनों से जू?ाते हैं आदि, तो इस में बुराई क्या है?’’
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