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दोरंजे को भी यह बात गलत लगी, “हिंदुस्तान में ऐसी कौन सी जगह है, जहां गागरिन अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र जैसा कोई प्रशिक्षण केंद्र है? मेरी नजर में तो ऐसा प्रशिक्षण केंद्र पूरे देश में कहीं नहीं है.”

प्रोजैक्ट लीडर उन्नाकीर्ती ने चारों का गुस्सा होना जायज समझा और शांत किंतु दृढ़ आवाज में कहा, “मंजिशी का चंद्रमा तक जाने का प्रशिक्षण अनुकारी पर हुआ है.”

अनुकारी प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन, विमान और अन्य जटिल प्रणाली के संचालन की यथार्थवादी नकल प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए नियंत्रणों के समान सेट वाली एक मशीन थी.

राजेश ने उपहास किया, “वाह, मशीन पर प्रशिक्षण प्राप्त अनुकारी अंतरिक्ष यात्री के नेतृत्व में हम चंद्रमा तक जाएंगे.”राजेश ने अपने तीनों साथियों को संबोधित करते हुए कहा, “लो भई, अब तो वाकई पहुंच गए हम चंद्रमा तक.”

उन्नाकीर्ती ने बात बिगड़ते देख तुरंत कहा, “अनुकारी पर जितने प्रकार की परिस्थितियों को हल करने का प्रशिक्षण मंजिशी ने प्राप्त किया है, आप चारों ने कुल मिला कर उस का एक प्रतिशत भी नहीं किया है.”

मंजिशी ने हंस कर कहा, “किस बात का डर है तुम चारों को? ज्यादा से ज्यादा क्या होगा?”टाईकोट वाले व्यक्ति ने देशभक्ति की भावना से राजेश और उस की टीम के सदस्यों से पूछा, “सिर्फ प्रश्न यह है कि क्या तुम हिंदुस्तान के अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे सकते हो?”

बैठक के बाद, कांफ्रेंस कमरे से बाहर आ कर, मंजिशी और उन्नाकीर्ती के साथ चारों की टीम, अनिच्छा से, अपना यान देखने के लिए बढ़ चली.रास्ते में, दोरंजे ने उन्नाकीर्ती से पूछा, “अंतरिक्ष यान पर कब से काम चल रहा है?”

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