‘हाय, पहचाना.’ व्हाट्सऐप पर एक नए नंबर से मैसेज आया देख मैं ने उत्सुकता से प्रोफाइल पिक देखी. एक खूबसूरत चेहरा हाथों से ढका सा और साथ ही स्टेटस भी शानदार...
जरूरी तो नहीं हर चाहत का मतलब इश्क हो... कभीकभी अनजान रिश्तों के लिए भी दिल बेचैन हो जाता है. मैं ने तुरंत पूछा, ‘‘हू आर यू? क्या मैं आप को जानता हूं?’’
‘‘जानते नहीं तो जान लीजिए, वैसे भी मैं आप की जिंदगी में हलचल मचाने आई हूं...’’
‘‘यानी आप कहना चाहती हैं कि आप मेरी जिंदगी में आ चुकी हैं? ऐसा कब हुआ?’’ मैं ने पूछा.
‘‘अभी, इसी पल. जब आप ने मेरे बारे में पूछा...’’
मैं समझ गया था, युवती काफी स्मार्ट है और तेज भी. मैं ने चुप रहना ही बेहतर समझा, तभी फिर मैसेज आया देख कर मैं इग्नोर नहीं कर सका.
‘‘क्या बात है, हम से बातें करना आप को अच्छा नहीं लग रहा है क्या?’’
‘‘यह तो मैं ने नहीं कहा...’’ मैं ने तुरंत जवाब दिया.
‘‘तो फिर ठीक है, मैं समझूं कि आप को मुझ से बात करना अच्छा लग रहा है?’’
‘‘हूं... यही समझ लो. मगर मुझे भी तो पता चले कि आप हैं कौन?’’
‘‘इतनी भी क्या जल्दी है? आराम से बताऊंगी.’’
युवती ने स्माइली भेजी, तो मेरा दिल हौले से धड़कने लगा. मैं सोच में डूब गया कि यह युवती अजनबी है या उसे पहले से जानती है. कहीं कोई कालेज की पुरानी दोस्त तो नहीं, जो मजे लेने के लिए मुझे मैसेज भेज रही है. मुश्किल यह थी कि फोटो में चेहरा भी पूरा नजर नहीं आ रहा था. तभी मेरा मोबाइल बज उठा. कहीं वही तो नहीं, मैं ने लपक कर फोन उठाया. लेकिन बीवी का नंबर देख कर मेरा मुंह बन गया और तुरंत मैं ने फोन काट दिया. 10 सैकंड भी नहीं गुजरे थे कि फिर से फोन आ गया. झल्लाते हुए मैं ने फोन उठाया, ‘‘यार 10 मिनट बाद करना अभी मैं मीटिंग में हूं. ऐसी क्या आफत आ गई जो कौल पर कौल किए जा रही हो?’’