“आज उन से पहली मुलाकात होगी, फिर आमनेसामने बात होगी, फिर होगा क्या, क्या पता, क्या खबर, फिर होगा क्या, क्या पता, क्या खबर…” निमिष गुनगुनाते हुए तैयार हो रहा था.

‘मानो सदियां बीत गई हों रीना को देखे। जाने मेरे बारे में सोचती भी होगी या नहीं, मैं उसे याद भी हूं या नहीं, बस क्लासमैट या अच्छा दोस्त था एक निमिष नाम का… कहीं ऐसा तो नहीं सोचती होगी? शादी क्यों नहीं की उस ने, कितना प्यार था हमदोनों में। फिर न जाने क्या हुआ कि बिना बताए ही चल दी। कोई नहीं, आज तो रीयूनियन में हर बात पूछ लूंगा, बहुत हुआ… क्यों मुझे छोड़ कर चल दी?

‘अरे वाह, यहां तो अंत्याक्षरी चल रही है। रीना कहां है, नजर नहीं आ रही…’ सोचतेसोचते निमिष भी अंत्याक्षरी का हिस्सा बन गया.

“ओह, यहां तो लगभग सभी हैं। कैसे हो भई? अरे सोनल, कैसी हो?” निमिष रीयूनियन में सभी को देख कर बहुत ही खुश हो रहा था.

“मैं ठीक हूं, तुम कैसे हो? काफी हैंडसम हो गए हो, कौन सी चक्की का आटा खाते हो?” सोनल ने निमिष को शरारतभरी नजरों से देखते हुए बोला.

“तुम ने भी तो शादी नहीं की, बोलो क्या इरादा है… चलें शादी करने,” निमिष ने भी मौके पर चौका मार दिया.

रीना से मिले सोनल ने निमिष से पूछा,”दिख नहीं रही कि कहां छिपी है वह,” निमिष रीना से मिलने के लिए बहुत बेचैन सा हो रहा था.

तभी निमिष को एक मीठी आवाज ने दस्तक दी, जिसे सुनने को हमेशा बेचैन रहता था वह। रीना अंत्याक्षरी में गाना गा रही थी,”याद किया दिल ने कहां हो तुम, झूमती बहार है कहां हो तुम…”

निमिष रीना का गाना सुनते ही, गाने का हिस्सा बनने को उठने लगा, सोनल ने उस का हाथ पकड़ बैठा लिया, “बस करो निमिष, उसे अकेले ही गाने दो, वैसे भी तुम ने उसे अकेला हो जाने को मजबूर कर दिया है, अब उसे अपनी दुनिया में खुश रहने दो।”

“पर मैं ने, मैं तो आज तक समझ ही नहीं पाया कि उस ने मुझे छोड़ा क्यों? बिना बताए वह मेरी जिंदगी से चली क्यों गई…” निमिष रीना को देखे जा रहा था.

“ओह, तो तुम कहना चाहते हो कि तुम कुछ नहीं जानते, रीना क्यों अकेली है?” सोनल ने हैरान हो कर कहा.

“क्या जानना चाहिए मुझे, बोलो सोनल,” निमिष कुछ समझ नहीं पा रहा था.

“रीयूनियन की पार्टी के बाद तुम रीना से खुद ही पूछ लेना। मेरा, तुम्हारे और उस के बीच में बोलना ठीक नहीं होगा, पर बात जरूर करना रीना से,” सोनल ने निमिष के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला.

और अगला गाना सुन निमिष को लगा जैसे कुछ तो है, अब तो रीना से पूछना ही होगा कि उस ने मुझे क्यों छोड़ा?

“आप आए तो खयाल ए दिल ए निशाद आया, कितने भूले हुए जख्मों का पता याद आया…” यह सुन निमिष रीना से मिलने को और बेचैन हो गया। रीना अंत्याक्षरी में मगन थी। निमिष ने उसे अपने पास आने का इशारा किया। कोल्ड ड्रिंक ले कर रीमा का इंतजार करने लगा.

निमिष का किसी और से बात करने का मन नहीं कर रहा था। हजारों सवालों में उलझा उस का दिल और दिमाग उस को चैन नहीं लेने दे रहे थे. रीयूनियन पार्टी में बहुत से क्लासमैट्स थे जिन से मिल कर निमिष को बहुत अच्छा लगा पर उस का मन रीना का इंतजार कर रहा था.

“निमिष, कैसे हो?” रीना की आवाज सुन निमिष ने राहत की सांस ली।

“मैं ठीक हूं, तुम कैसी हो, कहां हो आजकल? जिंदगी कैसे गुजर रही है,” निमिष ने एक सांस में ही
सवाल पूछ डाले.

“मैं ठीक हूं, तुम कैसे हो? रीयूनियन पार्टी में तुम्हें देख अच्छा लगा। आंटी कैसी हैं और बाकी सब घर में कैसे हैं?”

“मुझ से दूर रह कर खुश हो, जान कर अच्छा लगा,” निमिष व्यंग करते बोला.

“अच्छी सोच है तुम्हारी तो… और बताओ बच्चेवच्चे कितने हैं? आंटी तो
अपनी मनपसंद बहू पा कर खुश होंगी?”

“रीना, लगभग 5 साल हो गए तुम्हें गए। मां भी मुझे छोड़ कर चली गईं, 3 साल अपनी बीमारी से लड़ती रहीं। 6 महीने पहले दीदी भी कनाडा शिफ्ट हो गईं. शादी करने का वक्त ही नहीं मिला। तुम्हारे छोड़ कर चले जाने और मां की बीमारी में समय निकल गया। तुम बताओ तुम ने शादी क्यों नहीं की?” निमिष ने आह भरते हुए सब बोल दिया.

“ओह, खैर…कल मेरे घर छोटी सी पार्टी है जन्मदिन की। शाम को 4 बजे आ जाना। सब लोगों को 5 बजे बुलाया है, तुम थोड़ा जल्दी आ जाना। बैठ कर बातें भी हो जाएंगी। अभी तुम रीयूनियन पार्टी ऐंजौय करो, मैं तुम्हें अपना पता मैसेज कर दूंगी। मगर आना जरूर,” रीना ने भी एक ही सांस में सब बोल दिया.

“रीना, तुम मुझे बिना बताए क्यों चली गईं और मेरे कौल का जवाब भी नहीं दिया। नंबर भी बदल लिया। क्यों किया ऐसा तुम ने बोलो, रीना?” निमिष अपने सवालों का जवाब चाहता था.

“मैं आई थी तुम से मिलने। दीदी ने बताया था कि तुम्हारी बात पक्की हो गई है। आंटी ने बताया कि तुम्हीं ने
शादी करने की फरमाइश रखी थी। कल करेंगे बात और सब हिसाब,” रीना की आंखों में सवाल नजर आ रहे थे.

पार्टी के दौरान हौल में अंत्याक्षरी में कोई गाना गा रहा था,” तुम बिन जीवन कैसे बीता पूछो मेरे दिल से,
पूछो मेरे दिल से…”

“ठीक है, कल ही सही, पर सारे जवाब तैयार रखना,” निमिष ने मुसकराते हुए कहा.

“ठीक है, कल मिलते हैं,” रीना ने जाते हुए बोला।

“रीना, यह तो बता दो कि कल किस की जन्मदिन पार्टी है? गिफ्ट भी तो उसी हिसाब से लाना होगा, क्योंकि
तुम्हारा जन्मदिन तो कल नहीं है,” निमिष मुसकराते हुए बोला.

“मेरी बेटी का, कल वह 5 साल की हो जाएगी। कल आना जरूर,” रीना एक ही सांस में बोल पार्टी छोड़ चली गई.

‘बेटी का…’ निमिष स्तब्ध रह गया. ‘रीना की 5 साल की बेटी है?’ निमिष को कुछ नहीं सूझ रहा था.

तभी पीछे से आवाज आई, “चलो भाई, हम भी चलते हैं, थैंक्स कि सभी रीयूनियन पार्टी में आए,” सोनल, निमिष की ओर इशारा करते बोली.

“सोनल, रीना की 5 साल की बेटी है, पर तुम तो कह रही थीं वह अकेली है। बच्ची है तो उस के पिता भी होंगे, तो वह अकेली कैसे हुई?” निमिष कुछ नहीं समझ पा रहा था.

“ओह, समझी…तुम सच में कुछ नहीं जानते, कल जा कर खुद रीना से पूछ लेना. देखो भाई, यह तुम्हारे और रीना के बीच का मामला है, वह जाने या तुम, मुझ से कोई जवाब मत मांगो,” सोनल भी जल्दी से वहां से चली गई.

मोबाइल ने मैसेज आने का संकेत दिया, मैसेज रीना का था। उस ने अपना पता भेजा था।

‘रीना, बहुत से सवालों का जवाब देना होगा। शादी कर ली, बच्ची भी हो गई मगर तुम ने मुझे बताया क्यों नहीं?’ निमिष ने मैसेज लिख कर सैंड कर दिया.

‘रीयूनियन, व्हाट द जोक… क्या यही सब जानने के लिए मैं यहां आया था। आखिर रीना शादी कर कैसे कर सकती है? वादा मुझ से की और शादी किसी और से…एक बार मुझ से बोल तो देती. पर, सोनल ने कहां की वह तो अकेली है। हो सकता है कि वह सच में अकेली हो उस का पति नहीं… नहींनहीं, यह क्या सोच रहा हूं मैं, पर अगर ऐसा है तो…अब मैं रीना को अपने से दूर नहीं जाने दूंगा,’ निमिष ने म्यूजिक सिस्टम का वौल्यूम बढ़ा दिया। बस और नहीं सोचना चाहता था वह।

निमिष की जिंदगी की शायद सब से लंबी रात थी यह और आज, अभी तो बस सुबह ही है, शाम के 4 कब बजेंगे…निमिष रीना के घर 3 बजे ही पहुंच गया। घंटी बजने पर रीना ने दरवाजा खोला,”आओ न, बैठो, मैं पानी ले कर आती हूं,” रीना बोल कर किचन में चली गई.

‘घर खली सा लग रहा है, बाकी सब कहां हैं?’ निमिष सोचने लगा कि बात कैसे शुरू करें।

“आई होप कि घर मिलने में कोई परेशानी नहीं हुई,” रीना ने बात शुरू की. निमिष कुछ कहता, इस से पहले छोटी सी बच्ची मिठाई की प्लेट हाथ में लिए मुसकराते निमिष को मिठाई खाने को कह रही थी.

“अरे वाह, इधर आओ, हैप्पी बर्थडे टू यू… और यह रहा आप का गिफ्ट। क्या नाम है आप का?” निमिष बच्ची को गिफ्ट देते बोला.

गिफ्ट मिलते ही बच्ची थैंक्स करती अंदर कमरे में चली गई,”रीना, बच्ची बहुत प्यारी है, बिलकुल तुम सी, इस के पापा नजर नहीं आ रहे? कहां हैं वे?” निमिष ने सवाल कर ही दिया.

“पापा…पापा को नहीं पता कि उन की एक बच्ची भी है। मैं ने बताया नहीं,” रीना नजरें झुकाती हुई बोली। वह निमिष से नजरें नहीं मिला पा रही थी.

“क्या, क्या मतलब… बच्ची के पिता को नहीं पता कि उस की एक बच्ची भी है? क्या तुम लोग अलग
हो गए? वे इस बच्ची का पिता हैं रीना, अलग होने पर भी बाप और बेटी का रिश्ता तो नहीं बदलता। यह कहीं तुम्हारी वह जिद वाली बात तो नहीं है. अगर मैं इस के पिता की जगह होता तो तुम पर केस कर देता। एक बच्ची को पिता के प्यार से वंचित रखने पर मैं तुम पर केस कर देता और फिर तुम बच्ची को देखने को भी तरस जातीं,” निमिष ने बस बोल दिया, बिना सोचेसमझे।

इतने में बच्ची अपना गिफ्ट खोल कर ले आई और खुशी से अपनी मां को दिखाने लगी। पर मां को रोता देख, गिफ्ट फेंक मां के गले लग गई.

“नीमा, नीमा नाम है इस का। कर दो केस, क्योंकि यह निमिष की नीमा है,” नीमा की आंखों से आंसू बहने लगे.

“नीमा, यहां आओ मेरे पास,” निमिष ने नीमा को गले से लगा लिया. कालेज रीयूनियन तो फैमिली रीयूनियन बन गया. निमिष ने रीमा को भी गले से लगा लिया. सभी सवालों के जवाब रीमा ने एक वाक्य में दे डाले थे। निमिष भी अपने आंसू न रोक पाया.

तेजिंदर कौर

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