लबों को हंसाते हैं इजहार के वो पल
नैनों को लुभाते हैं इंतजार के वो पल
बारबार याद आते हैं इकरार के वो पल
दिल को गुदगुदाते हैं प्यार के वो पल.
सुरेंद्र कुमार ‘सूरज’

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