परछाइयों की दुनिया,
परछाइयों से रिश्ते मेरे साथसाथ चलते,
तन्हाइयों से रिश्ते रातों की नींद टूटी,
दिन का करार छूटा हम ने जब से जोड़े हरजाइयों से रिश्ते हाथों की मेहंदी झूठी,
तन का सिंगार झूठा झूठे से अब हैं लगते,
शहनाइयों से रिश्ते गहरा बहुत रहा है,
वफा से अपना नाता पक्के हैं जैसे तेरे,
बेवफाइयों से रिश्ते तू ने जो साथ छोड़ा,
दुनिया ने मुंह मोड़ा जुड़ने लगे हैं अपने,
रुसवाइयों से रिश्ते
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