बहुत कुछ किया है
बहुत कुछ करना अभी बाकी है
चांद तक तो पहुंची हूं
उस के ऊपर जाना अभी बाकी है
फौज में भी कदम रखा है
दुश्मन को हराना अभी बाकी है
देश का शासन भी हाथों में लिया है
दुनिया चलाना अभी बाकी है
समुद्र के मोती तो छू कर देखे हैं
आसमान से तारों को लाना अभी बाकी है
हुनर तो बहुत है इन हाथों में
उसे खुल कर बाहर लाना अभी बाकी है
स्त्री हूं मैं नारी हूं मैं
लक्ष्मीबाई बन कर दिखाना अभी बाकी है
अंधेरों को उजाला बख्शा है
उम्मीद का दीया जलाना अभी बाकी है.
– पायल श्रीवास्तव
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