जिंदगी की गलियों से गुजरता हूं
कुछ सवाल, कुछ जवाब ढूंढ़ता हूं मैं
जिंदगी सवाल बन कर न रह जाए
इसी बात से तो डरता हूं मैं.
 

अनघा भावे

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...