Hindi Poem : बागो में फूलों की ख़ुशबू
सावन की ठंडी फुहार, बागो में फूलों की बहार
वैगन विला की रंग बिरंगी लताएँ
रंगीन फूलों की टहनियों में सफेद गुलाबी केसरिया, फूलों मे हरी पत्तियों की छटा बिखेरती है
धरती सफेद चादर मे मोगरे के फूलों से सज रही है
सावन की ठंडी फुहार बागो में फूलों की बहार
रात की रानी अपनी ख़ुशबू बिखेर रही है, बेला चमेली गुलदाउदी चम्पा की अपनी छवि निराली है
हरी हरी पत्तियों में रंग बिरंगे गुलाब, कमल, गेंदा, सूरजमुखी, गुलमोहर, नर्गिस, कुमुद, सदा बहार
कामिनी केतकी पलाश, धतूरा, सुगंध राज, राधा चुड़ा सेवती, नाग चम्पा चारों तरफ़ अपना जलवा बिखेर रही हैं
सावन की ठंडी फुहार, बागो में फूलों की बहार
कैसे भूल सकते हैं चारों तरफ़ सूरज के संग आता, सूरज के संग जाता
दफ़्तर का बाबू कोई कहे कोई कहे नाइन औ क्लोक
कई रंगों में चारों तरफ़ अपना आधिकार बिखेर रहा है
सावन की ठंडी फुहार, बागो में फूलों की बहार
लेखिका : रमा सेठी
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