सालों बाद मन की मुराद पूरी हुई थी. जिन्दगी का एक बहुत बड़ा सपना पूरा हो गया था. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार हमें हमारा अपना घर मिल गया था. किराये के छोटे से फ्लैट से अपने बड़े से घर में शिफ्ट होने के बाद से तो मेरे पैर ही जमीन पर नहीं पड़ रहे थे. बच्चे भी बड़े उत्साहित थे. पूरे घर में फुदकते-चहकते घूमते थे. दिल्ली के घुटनभरे दो कमरे के पुराने से किराए के मकान से इस बड़े से मकान में आना जैसे जन्नत में आने के बराबर था. कई सालों के बाद बन कर तैयार हुआ था हमारा यह घर. संजू के दादा के गुजरने के बाद मेरे पति को प्रौपर्टी में काफी हिस्सा मिला था, उसको बेच कर हमें एकमुश्त पैसा मिला तो यह बड़ा घर बन पाया. खुला-खुला दो मंजिला, गाड़ी के लिए पार्किंग स्थल, पोर्टिको, सामने छोटा सा किचेन गार्डन. घर के भीतर खूबसूरत चमकती दीवारें. सुंदर पेंट से रची हुई. खिड़कियों पर मंहगे सुंदर पर्दे. अपना ड्राइंग रूम तो मैंने ऐसा सजाया था कि पूछो मत. मेरी जो भी सहेली मिलने आती ड्राइंगरूम की सजावट पर ही मर मिटती थी. कई तो जल कर खाक भी हो गयीं. मजे की बात तो यह थी कि इस घर में आते ही हमें ऊपर वाली मंजिल में रहने के लिए बढ़िया अमीर किराएदार भी मिल गये. अच्छा किराया आने लगा. मैं और मेरे पति की खुशी बढ़ गयी कि चलो घर की साज-सज्जा का अतिरिक्त खर्चा किराये से ही निकल आएगा. बच जाएगा सो अलग.
उस दिन मैं अपने ड्राइंग रूम में बैठी टीवी पर अपना मनपसंद सीरियल देख रही थी. अचानक मेरी नजर पीछे दीवार से सटे काउच पर गयी. मैं एक झटके से उठ खड़ी हुई. मेरे बेटे संजू ने पीछे की पूरी दीवार अपने रंगीन क्रेओन्स से रंग डाली थी. कहीं पतंग, कहीं तितली, कहीं फूल, कहीं घर और नदी…. न जाने क्या-क्या बना डाले थे दीवार पर. खूबसूरत दीवार का सत्यानाश कर डाला था उसने.
मैं गुस्से में उठी और संजू के सारे क्रेओन्स उठा कर रद्दी की टोकरी में फेंक दिये. दो थप्पड़ लगाये और चीख कर पूछा, ‘तुझे घर की दीवारें गंदी करते शर्म नहीं आयी? दीवार का सारा पेंट खराब कर डाला. कितना गंदा लग रहा है. पापा देखेंगे तो कितना गुस्सा करेंगे…आने दे तेरे पापा को… आज तेरी अच्छी कुटायी करवाती हूं… ’
संजू रोते हुए बोला, ‘पर मम्मी इससे पहले भी तो मैं घर की दीवारों पर लिखता था. तब तो आपने कभी नहीं डांटा. आप भी तो रसोई की दीवार पर दूध वाले का, काम वाली का हिसाब लिखती थीं…?’
मैं चिल्लायी, ‘संजू, वह किराए का घर था, यह हमारा अपना घर है. इसे गंदा नहीं करना चाहिए.’
इसके बाद जो बात संजू ने कही उसको सुन कर मेरी बोलती ही बंद हो गयी.
संजू ने कहा, ‘तो मम्मी, किराए के घर में लिख सकते हैं? फिर तो ऊपर जो किराएदार आये हैं, वह भी दीवारों पर लिख सकते हैं न? उनकी बेटी बहुत अच्छी ड्राइंग बनाती है…मैं कल से ऊपर जाकर उसके साथ ही ड्राइंग करूंगा…. फिर तो आप नाराज नहीं होएंगी न?’