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‘यस सर.’

‘मैडम, हैव ए लुक औन दीज पेपर्स,’ कागजों का पुलिंदा जरी की तरफ बढ़ाते हुए बोले प्राचार्य.

‘ह्वाट इज दिस, सर?’

‘आप के खिलाफ पेरैंट्स ने कंप्लेन की है कि आप क्लास में पढ़ाते समय बच्चों के मन में सांप्रदायिकता के कड़वे बीज बो रही हैं,’ प्राचार्य कुटिलता से मुसकराए.

‘नो, दिस इज एब्सौल्यूटली रौंग. आई हैड नैव्हर डन दिस टाइप औफ चीप टौक इन द क्लासरूम,’ जोर से चीखने के कारण जरी का चेहरा गुस्से से तमतमा गया, ‘दिस इज अ प्लान्ड कौंस्पिरेसी अगेंस्ट मी.’

‘आवाज धीमी कीजिए मैडम जरीना हमीद, ये लिखित कंप्लेंट्स हैं आप के खिलाफ, 1 नहीं 10-12. इन्क्वायरी से पहले स्कूल का हैड होने के नाते मुझ से रिपोर्ट मांगी गई है.’

सुन कर जरी की आंखों में हजारों अलाव सुलगने लगे.

‘सर, ये सारी कंप्लेंट्स फर्जी हैं. आई नो इट वैरी वैल. मैं एक सोशल स्टडीज की टीचर हूं. बच्चों को स्वस्थ सोच देना मेरी जिम्मेदारी है. छोटीछोटी घटनाओं के माध्यम से बच्चों के मन में धर्म निरपेक्षता की फीलिंग भरना मेरी मौरल ड्यूटी है. मैं अब तक 14 प्राचार्यों के साथ काम कर चुकी हूं. 7 अलगअलग शहरों में. मेरी पर्सनल फाइल उठा कर देखिए. कोई मैमो, कोई वार्निंग लेटर नहीं है. सर, बहुत सोचसमझ कर मेरे खिलाफ बनाई गई है यह साजिश. आई नो दैट वैरी वैल.’

‘इट मींस यू आर ब्लेमिंग टू मी? मैं ने कोई साजिश रची है? जानती हैं, आप के द्वारा अथौरिटी की इंसल्ट करने और उस पर बेबुनियाद ब्लेम लगाने के जुर्म में मैं आप को सस्पैंड कर सकता हूं,’ प्राचार्य ने जहरीला फन फुफकारा.

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