अंतिम भाग

विदेशी होते हुए भी मिशैल के मन में भारत के लिए सम्मान व प्रेम की भावना थी और टोनी को भारतीय होते हुए भी अपने देश से लगाव नहीं था. मिशैल के कहने पर वह भारत तो आ गया पर क्या उस के मन में स्वदेश प्रेम और अपनों के लिए प्यार जाग पाया? पढि़ए डा. पंकज धवन की कहानी.

पूर्व कथा

घर में अकेला टोनी कौफी बना कर पी रहा होता है कि इतने में मिशैल आ जाती है और उस से अपने लिए कौफी बींस लाने के बारे में पूछती है तो वह भूल जाने की बात कहता है. बातोंबातों में वह टोनी की तारीफ करने लगती है. वह अतीत की यादों में खो जाता है.

टोनी अपने एक दोस्त के साथ जरमनी आता है और यहीं का हो कर रह जाता है. एक भारतीय औपचारिक सम्मेलन में उस की मुलाकात मिशैल से होती है और वह शादी कर लेते हैं.

मिशैल की आवाज सुन कर वह अतीत से बाहर निकलता है. मिशैल उस से हैनोवर इंटरनेशनल फेयर में जाने की बात कहती है.

न चाहते हुए भी टोनी मिशैल के आग्रह पर वहां जाता है. समारोह में हैंडीक्राफ्ट का सामान देखते हुए जरमनवासी भारतीय सभ्यता, संस्कृति की खूब प्रशंसा करते हैं. अगले 3 दिन तक टोनी वहां जाता है और भारतीयों के बीच हिलमिल जाता है. उन से मिल कर उसे अपने देश की याद सताने लगती है.

एक दिन मिशैल उसे भारत चलने के लिए कहती है तो टोनी आनाकानी करने लगता है. लेकिन अंतत: जाने के लिए तैयार हो जाता है. और अब आगे...

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