लेखक- सतीश सिंह

सनाया बहुत ज्यादा घबराई हुई थी. वाशरूम से लगभग भागते हुए वह ड्राइंगरूम में आई थी. मां ने पूछा, “क्या हुआ बेटा? इतनी घबराई हुई क्यों हो? क्या तुम ने कौकरोच देख लिया है या फिर छिपकली?”

“नहीं मम्मा, यूरिन के साथ ब्लड भी आ रहा है,” उस ने अपुष्ट स्वर में कहा.

सोनल उस के चेहरे पर साफतौर पर डर और घबराहट के भाव देख रही थी. उस का पूरा शरीर डर और गरमी की वजह से पसीने से तरबतर था.

यह देख कर सोनल भी थोड़ी सी घबरा गई थी, क्योंकि सनाया 5 मई को पूरे 10 साल की हुई थी और आज 12 मई था. उस ने सोचा कि इतनी जल्दी मासिक धर्म यानी पीरियड कैसे शुरू हो सकता है? लेकिन सोनल के मन में उठने वाली शंका गलत थी. सनाया को पीरियड ही शुरू हुआ था.

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सनाया 10 साल की थी, जबकि बड़ी बेटी आशिमा 13 साल की. सनाया और आशिमा की उम्र में 3 सालों का अंतर था, लेकिन सनाया आशिमा से केवल एक क्लास पीछे थी, क्योंकि सनाया ने कम उम्र में ही स्कूल में दाखिला ले लिया था.

सनाया 7वीं में है और आशिमा 8वीं में. उम्र को अगर पीरियड शुरू होने का पैमाना माना जाए तो यह आशिमा को अब तक शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन इस शारीरिक क्रिया का उम्र से कोई सीधा संबंध नहीं था. यह 8-9 साल की उम्र में भी शुरू हो सकता है और 15 साल की उम्र में भी.

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