‘‘मम्मी, चयन समिति ने 5 नाम छांटे हैं. उन्होंने जिस की सिफारिश की है उस के पास योग्यता तो है परंतु अनुभव नहीं है.’’
‘‘कौन है?’
‘‘एक लड़की अल्का है.’’
‘‘बाकी?’’
‘‘बाकी के पास योग्यता के साथ अनुभव भी है परंतु चयन समिति का कहना है कि उन के पास क्रिएटिविटी का अभाव है. हम उसे कुछ दिन ट्रेनी के रूप में रख सकते हैं.’’
‘‘लेकिन हम ने कोई ट्रेनिंग सैंटर तो खोला नहीं है परंतु चयन समिति को जब काम सौंपा है तब उस पर विश्वास भी करना पड़ेगा. इस समिति की सलाह हमेशा सही ही साबित हुई है. फिर कोई भी हो, उस के साथ कुछ समय सिखाने में ही निकल जाता है.’’
यह बातचीत ‘अमित ग्रुप औफ इंडस्ट्रीज’ की चेयरपर्सन ममता और उन के बेटे अमित में हो रही थी. अमित बोला, ‘‘मम्मी, आप ने इस लड़की का बायोडाटा देखा?’
‘‘क्यों?’’
‘‘उस की मम्मी का नाम अमिता है और उस के पापा का नाम भी वही है जो मेरे पापा का नाम है.’’
अमित की बात सुन कर ममता ने उस का बायोडाटा देखा और बोलीं, ‘‘यह संयोग भी हो सकता है, बेटा.’’
वैसे, बेटे की बात ने मां को भी सोचने को मजबूर कर दिया था. अमिता, जिस के नाम पर उन के पति ने अपनी कंपनी का नाम ‘अमिता ग्रुप औफ इंडस्ट्रीज’ रखा था, उन की प्रेमिका थी. उस के साथ उन की शादी नहीं हो पाई क्योंकि वे परिवार के दबावके आगे झुक गए थे. उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी से अपने प्रेमप्रसंग का खुलासा कर दिया था और कहा था कि मुझ से शादी करने पर तुम मेरे शरीर को तो पा लोगी लेकिन मेरे दिल को नहीं पा सकोगी क्योंकि उन के दिल में तो अमिता ही रहेगी. उन की होने वाली पत्नी यानी ममता ने यह कह कर क्लीनबोल्ड कर दिया था, ‘मैं अपने प्यार से आप के दिल में भी स्थान बना लूंगी.’