किसी भी धंधे को शुरू करने के लिए आप को एक मोटी रकम को धंधे में लगाने का जोखिम उठाना पड़ता है. सरकारी सेवा क्षेत्र में जाने से पहले तमाम तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं को ‘झेलना’ पड़ता है. चार्टर्ड अकाउंटैंट, वकील, डाक्टर, इंजीनियर वगैरह बनने के लिए बरसों तक हजारों लाखों रुपए बहा कर मोटीमोटी किताबों से दिनरात माथापच्ची कर के आप कोई डिगरी अगर हासिल कर भी लेते हैं, तो आप 15-20 हजार रुपए महीने ही कमा पाते हैं. इस के उलट ‘ज्योतिषाचार्य’ बनने के लिए आप को न तो ज्यादा रुपएपैसे खर्च करने की जरूरत है और न ही दिमाग की. बस, आप में बात करने की चालाकी व अंदाजा लगाने की लियाकत होनी चाहिए.
अगर आप शर्मीले मिजाज के हैं, तो हम आप को पहले ही बता देना चाहेंगे कि इस कमी की वजह से आप कभी भी इस क्षेत्र में कामयाबी हासिल नहीं कर पाएंगे. ज्योतिषी बनने से पहले शर्म छोड़ना उसी तरह बहुत जरूरी है, जिस तरह बीवी बनने के लिए मायके को छोड़ना. ज्योतिषाचार्य बनने के लिए सब से पहले तो आप को पैंटशर्ट छोड़ कर धोतीकुरते की ‘यूनीफार्म’ अपनानी पड़ेगी. शास्त्रों में लिखा है कि शिखा रखने से आदमी की बुद्धि तेज होती है. हर पंडित इस बात को ध्यान में रख कर ही औरतों की माफिक चोटी रखता है, इसलिए आप को भी रखनी पड़ेगी. इस के लिए आप को एक बार सिर मुंड़वाने की जरूरत भी पड़ सकती है.
अपने ललाट पर तिलक भी लगाना पड़ेगा. अगर आप का ललाट काफी चौड़ा है, तो हम आप को चंदन का बड़ा व गोल तिलक लगाने की सलाह देते हैं. अगर आप का मुंह पिचका हुआ है, तो आप अपनी धर्मपत्नी से सिंदूर ले कर, उस में थोड़ा पानी मिला कर, झाड़ू की तीली की मदद से लंबा सा तिलक, जिसे ‘श्री’ कहा जाता है, लगा सकते हैं.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन