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‘‘यह किडनैप किस ने किया था?’’ रानिया ने पूछा.

‘‘सोनिया के पिता ने और किस ने.’’ उस ने कहा, ‘‘बाप ने अगवा करवाया और बेटी पैसे ले कर मदद को आ गई. देखो रानिया, इंसान की करनी का फल यहीं मिल जाता है. सोनिया की बीमारी की खबर जब उस के पिता को मिली तो वह हार्टअटैक से मर गया.’’

‘‘क्या सोनिया मैम की बीमारी का कोई इलाज नहीं है?’’

‘‘डाक्टर उम्मीद तो दिलाते हैं, पर सब बेकार है. मैं सोनिया को यकीन तो दिलाता हूं कि उस के सिवा मेरी जिंदगी में कोई नहीं है, पर वह पूरे वक्त शक करती है, अपने मुखबिर मेरे पीछे लगाए रखती है.’’ अरसलान इतना ही कह पाया था कि उस का मोबाइल बज उठा. उस ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से सोनिया की आवाज आई. वह पूछ रही थी, ‘‘रानिया को छोड़ दिया क्या?’’

‘‘हां, मैं ने उसे चौरंगी पर उतार दिया.’’ फोन बंद कर के उस ने कहा, ‘‘देखो, उसे तुम पर भी यकीन नहीं है. मैं ने कह दिया, उसे चौरंगी उतार दिया है. उसे पता नहीं है कि मैं तुम्हें तुम्हारे घर के पास ही उतारूंगा.’’

‘‘अरे नहीं, आप मेरी वजह से परेशान न हों. मैं चौरंगी से चली जाऊंगी.’’ रानिया ने कहा.

‘‘इस में परेशानी वाली कोई बात नहीं है. अब यहां से तुम्हारा घर रह ही कितनी दूर गया है.’’ अरसलान ने कहा.

कुछ देर में कार रानिया के घर के पास पहुंच गई तो वह उस का शुक्रिया अदा कर के कार से उतर कर अपने घर चली गई. रानिया ने उस से भी अपने घर चलने को कहा था, पर वह फिर कभी आने की बात कह कर चला गया था.

रानिया चहकती हुई अपने घर पहुंची तो भाभी का मूड ठीक नहीं था. वह तीखे स्वर में बोली, ‘‘इतनी देर क्यों हुई?’’

रानिया जल्दी से बोली, ‘‘भाभी, मैं एक नई नौकरी के इंटरव्यू के लिए गई थी. बहुत अच्छी जौब है. सैलरी भी अच्छी है. मेरे वहां नौकरी करने से आप की एक बड़ी समस्या हल हो जाएगी.’’

भाभी ने उसे हैरानी से देखा तो वह जल्दी से बोली, ‘‘हां भाभी, मुझे मिसेज सोनिया ने अपनी 3 साल की बच्ची की देखरेख के लिए रख लिया है. अच्छी सैलरी के साथ रिहाइश, खानापीना सब फ्री है. वह 30-35 साल की बहुत अच्छी महिला हैं, बच्ची की देखरेख के लिए मुझे रखा है.’’

‘‘लेकिन तुम्हें यह काम करने का कोई अनुभव नहीं है.’’

‘‘भाभी, बच्चे प्यार व खिदमत के भूखे होते हैं. मैं यह कर लूंगी. मुझे कल 10 बजे अपना सामान ले कर जाना है. मैं आप को वहां का पता वगैरह दे दूंगी.’’

भाभी के रजामंद होने पर रानिया बेहद खुश हुई.

अरसलान के साथ रहने के बारे में सोच कर ही रानिया का दिल धड़कने लगा. अरसलान की बातों से उसे लगा था कि अब सोनिया ज्यादा नहीं जिएगी. उस ने बीमार सोनिया की तो देखभाल की ही, साथ ही उस की बेटी फिजा को भी बहुत प्यार दिया. करीब 8 महीने बाद सोनिया की मौत हो गई. इन 8 महीनों में सोनिया ने अरसलान की हर बात उसे बता दी थी.

उस की मौत से 3 दिन पहले की बात थी. उस दिन सोनिया की तबीयत ज्यादा खराब थी. रानिया सोनिया के पास ही थी. तभी एक नौकरानी ने कमरे में आ कर कहा, ‘‘रानिया बीबी, आप को साहब ड्राइंगरूम में बुला रहे हैं.’’

रानिया ने एक नजर फिजा पर डाली. वह आराम से सो रही थी. वह ड्राइंगरूम में पहुंची तो वहां सोनिया की सहेली कंजा सोफे पर अरसलान से सटी बैठी थी. रानिया को उस का यह अंदाज बड़ा बुरा लगा. वहीं पर सोनिया के वकील भी मौजूद थे. वकील ने कहा, ‘‘मिस रानिया, आप कल 11 बजे यहां हाजिर रहिएगा.’’

‘‘मैं तो यहीं रहती हूं साहब, जब आप कहेंगी, आ जाऊंगी.’’

‘‘मुझे बताया गया था कि आज आप अपने घर चली जाएंगी.’’ वकील साहब ने कहा.

कंजा बीच में बोल पड़ी, ‘‘दरअसल, मैं ने और अरसलान ने सोचा कि फिजा को जेहनी सुकून के लिए मेरे घर मेरे बच्चे और उस की ट्रेंड आया के पास छोड़ दिया जाए. क्योंकि फिजा के दिलोदिमाग में सोनिया की मौत का असर पड़ सकता है. जब फिजा हमारे यहां चली जाएगी तो रानिया की यहां क्या जरूरत रहेगी.’’

उस की इस बात पर रानिया को गुस्सा आ गया. उस ने तीखे स्वर में कहा, ‘‘मेरे खयाल से अभी घर में फिजा के बड़े मौजूद हैं, वे इस बारे में फैसला लेंगे. आप का ताल्लुक सिर्फ इतना है कि आप सोनिया मैम की सहेली हैं.’’

‘‘मैं तो सोनिया की सहेली हूं, लेकिन तुम तो मुलाजिम के अलावा कुछ नहीं हो.’’

रानिया ने तड़प कर अरसलान की ओर देखा कि वह उस का कुछ सपोर्ट करेगा. पर वह चुप बैठा था. वहां मौजूद सोनिया की खाला ने कहा, ‘‘मैं फिजा को अपने घर भेज देती हूं, वहां मेरी बेटियां उसे संभाल लेंगी.’’

वकील ने कहा, ‘‘आप लोग बेकार की बहस कर रहे हैं. सोनिया की वसीयत के मुताबिक वसीयत खोलते वक्त सिर्फ 3 लोग मौजूद रहेंगे. इन में एक हैं मिस रानिया, इसलिए इन का यहां रहना जरूरी है, इसलिए यही बेहतर होगा कि फिजा उन्हीं के पास रहे. इतने दिनों से वही उस की देखभाल कर रही हैं और इस वक्त इन्हीं की जरूरत भी है. क्यों अरसलान साहब, यह बात सही है न?’’

अरसलान ने अनमने ढंग से कहा, ‘‘आप ठीक कह रहे हैं वकील साहब.’’

कंजा ने बेकरार हो कर उस की तरफ देखा तो अरसलान ने धीरे से उस का हाथ दबा दिया. रानिया ने उठ कर कहा, ‘‘क्या अब मैं फिजा के पास जाऊं?’’

‘‘हां, आप जाएं और आप यहीं रुकेंगी. बच्ची के पास.’’ वकील ने मजबूत लहजे में कहा.

 

इस के बाद रानिया फिजा के पास लेट गई. अरसलान की बेरुखा और दोगला बर्ताव देख कर वह बहुत दुखी थी. उस की आंखों से आंसू बहने लगे. उसे याद आया कि एक बार सोनिया ने उस से कहा था, ‘‘मेरी कंजा से कोई खास दोस्ती नहीं है. पता नहीं यह तलाकशुदा महिला क्यों बारबार मेरे घर चली आती है?’’

शायद सोनिया को अंदाजा था कि वह अरसलान के पीछे लगी है. इन 8 महीनों में सोनिया से रानिया की अच्छी दोस्ती हो गई थी. रानिया की यह अच्छी आदत थी कि वह चुपचाप सब सुनती थी, इसलिए सोनिया उस से अपने मन की बातें कर के दिल हलका कर लेती थी.

एक बार उस ने अपनी मोहब्बत की पूरी कहानी बताई थी. उस ने कहा था, ‘‘यह सच है कि मुझे अरसलान से पहली नजर में मोहब्बत हो गई थी. पहली बार जब अरसलान कार्टन सप्लाई के लिए हमारी फैक्टरी में आया था, तब उस का कारोबार बहुत छोटा था. मैं ने उसे पार्टनरशिप का औफर दिया था, ताकि उस का काम बड़े पैमाने पर हो सके और आमदनी भी बढ़े. उस के बाद हम ने साथ मिल कर बिजनैस बढ़ाया.

‘‘उसी दौरान मुझे मालूम हुआ कि अरसलान की मंगनी उस की कजिन रूही से हो चुकी है. मैं पीछे हट गई और अरसलान को भूल जाना चाहा, पर उसी दौरान रूही का किडनैप हो गया. अरसलान ने बताया कि अपहर्त्ताओं ने 50 लाख रुपए मांगे हैं. 50 लाख रुपए उस ने मुझ से इस वादे के साथ मांगे कि रूही के छूट जाने के बाद वह मुझ से शादी कर लेगा.

‘‘मैं ने अरसलान को 50 लाख रुपए दे दिए. मैं ने पुलिस को भी खबर कर दी. जांच करते हुए पुलिस वहां पहुंची तो अपहर्त्ता भाग चुके थे. रूही रस्सियों से बंधी थी. उस की आंखों पर पट्टी बंधी थी. रूही ने बताया कि अपहर्त्ता 3 थे और उन्होंने मास्क पहन रखे थे, इसलिए वह किसी को पहचान नहीं सकी.’’

सोनिया का कहना था कि उसे शक है कि यह किडनैपिंग का प्रोपेगैंडा अरसलान का था. उसी ने सारा खेल खेला था.

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