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‘मीनाक्षी...’ कहता हुआ रोहित पत्नी के सीने में मुंह छिपा कर रो पड़ा. मीनाक्षी प्यार से उस के बालों में उंगलियां फेरती रही.

‘मीनाक्षी, मैं लोगों की नजरों की ताव नहीं सह सकता. मैं...मैं...’ मीनाक्षी ने अपनी हथेली रोहित के होंठों पर रख दी. आगे कुछ भी कहने की जरूरत न थी. वह सब समझ गई. उस ने रोहित को कस कर अपने सीने से चिपका लिया. उस ने फैसला कर लिया कि वह रोहित की बात मान कर गर्भधारण करेगी. घर में रोहित ने बताया कि वह बंबई के प्रसिद्ध डाक्टर से मीनाक्षी की जांच करवाएगा.  अगर जरूरत पड़ी तो उस का छोटा सा औपरेशन होगा और फिर कुदरत ने चाहा तो मीनाक्षी गर्भवती हो जाएगी. मां ने भी साथ चलने की बात की तो रोहित ने मना कर दिया. बंबई के नर्सिंग होम में दोनों की जांच हुई. गर्भधारण करने वाले दिनों के बीच मीनाक्षी के गर्भ में इंजैक्शन के जरिए वीर्य डाल दिया गया. 10 दिन के बाद जब मासिक तिथि गुजर गई तो उस के 24 घंटे के अंदर ही जांच की गई. तब पता चला कि मीनाक्षी गर्भवती हो गई है. इस झूठी खुशखबरी के साथ दोनों वापस घर लौट आए. मीनाक्षी के गर्भवती होने की खबर मानो पूरे घर में होली, दीवाली सा त्योहार ले कर आई. एक बार मीनाक्षी को लगा कि काश, यह गर्भ रोहित से होता तो इस खुशी में वह भागीदार होती. लेकिन फिर उस ने अपने विचारों को झटक दिया और सोचा, इस बच्चे को रोहित का ही मान कर उसे 9 माह गर्भ में रखना है.

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