‘मातापिता अप्रत्यक्ष रूप से गर्लफ्रैंड को घर लाने का संकेत देते रहे. परदाफाश तब हुआ जब मैं अपनी बहन के बौयफ्रैंड की ओर आकर्षित होने लगा. मेरी पीड़ा असहनीय हो चुकी थी. दर्द बढ़ता जा रहा था. मैं ने भी सोच लिया, अब जो भी पहली लड़की मेरी ओर आकर्षित होगी, मैं उसी के सामने शादी का प्रस्ताव रख दूंगा. ऐसा ही हुआ, 6 महीने पहले ऐमली उस का शिकार हुई. यों कहूं कि बलि चढ़ी. जिसे मैं ने वैवाहिक सुख से वंचित रखा. इंसान ही हूं न, गलती हो गई. और नहीं जी सकता दोहरा जीवन. दोषभावना की गुठली गले में अटकी रहती है.’
‘ऐमली जानती है क्या?’ कर्ण ने पूछा.
‘शक तो है उसे, सामना करने से डरती है.’
‘अच्छा किया तुम ने, मन का बोझ हलका कर लिया,’ तीनों ने एक स्वर में कहा.
जस्सी ने मन ही मन प्रण किया कि आगे से कभी लड़कियों जैसी हरकत नहीं करेगा. अब रौबर्ट के साथ रात बिताने की समस्या तो हल हो गई. अब जुगाड़ यह लगाना था कि कैसे ऐश का बुखार रौबर्ट के सिर से उतारा जाए.चारों ने बैठ कर रौबर्ट को पूरी तरह से धुत करने की ठान ली. जब नशे में धुत रौबर्ट को विश्वास हो गया कि आज ऐश उसी के साथ रहने वाला है, ऐश ने रौबर्ट से कपड़े बदलने को कहा. जैसे ही रौबर्ट बाथरूम में कपड़े बदलने गया तो बिस्तर पर थौमस ने ऐश का स्थान ले लिया.अब तीनों को घर पहुंचते ऐमली का सामना करना था. घर पहुंचते ही ऐमली ने पूछा, ‘थौमस कहां है?’