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‘‘कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा. वकील का कहना है कि अखिला के बयान से यह स्पष्ट नहीं है कि हमारा उस के साथ मारपीट करने का क्या कारण है. केस की यही कमजोर कड़ी हमारे पक्ष में जाएगी.’’

‘‘परंतु बेटा, मुकदमा तो न जाने कितना लंबा चले. इतनी जल्दी फैसला कहां आएगा? तुम तो प्रियांशु की जमानत के लिए कुछ करो.’’

‘‘मम्मी, आप इन जैसी शातिर लड़कियों को नहीं जानतीं,’’ अभिनव ने हंस कर कहा, ‘‘जब मांबाप पर इन का जोर नहीं चलता, तो ये ससुराल के लोगों को परेशान करती हैं. घरेलू हिंसा और दहेज का मुकदमा दर्ज करवा कर ये पति से अलग हो जाती हैं. फिर मांबाप भी अपनी मरजी इन पर नहीं चला पाते और तब ये अपने प्रेमी के साथ शादी कर लेती हैं.’’

‘‘अखिला को उलटी पट्टी पढ़ाने में अवश्य उस के प्रेमी का हाथ होगा,’’ रिचा ने कहा, ‘‘हमें अखिला का प्रेमी का पता चल जाए, तो हमारा केस मजबूत हो जाएगा.’’

‘‘हां, अवश्य.’’

‘‘परंतु पता कैसे चलेगा, अखिला के मांबाप तो बताएंगे नहीं. तुम पता करो, कैसे भी?’’ शारदा ने उत्साह से कहा, जैसे अभी सबकुछ सुलझ जाएगा.

‘‘मैं तो पता नहीं कर पाऊंगा. किसी प्राइवेट जासूस की सेवा लेनी पड़ेगी.’’

‘‘तो जल्दी करो बेटो,’’

प्राइवेट जासूस बहुत कुशल था. एक सप्ताह के अंदर ही उस ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ला कर दी. केवल रिपोर्ट ही नहीं दी, साथ में सुबूत भी दिए. अखिला की कौल डिटेल्स और उस की बातचीत की रिकौर्डिंग के साथसाथ अखिला के साथ उस के प्रेमी की तसवीरें भी प्रस्तुत कीं. रिपोर्ट देख कर सब के हृदय को भारी धक्का लगा कि एक लडक़ी अपने प्रेम के लिए किस तरह मांबाप की इज्जत और अपना दांपत्य जीवन चौपट कर सकती है. अखिला इस की बहुत अच्छी मिसाल थी.

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