लेखक- शेख विकार अहमद
सुरैया के छोटे भाई की शादी के समय उस के अब्बू जब उसे लेने के लिए आए तो शाहिदा बेगम ने खुल कर अपनी बात उन के सामने रखी. उन का कहना था कि उन के खानदान का नामोनिशान इस लड़की की वजह से मिटने को है और वे किसी भी सूरत में ऐसा नहीं होने देंगी. उन का इरादा साहिल की दूसरी शादी करने का है. शाहिदा बेगम ने सुरैया के अब्बू से उसी वक्त जवाब मांगा.
तब सुरैया को सब से ज्यादा दुख इस बात का हुआ था कि पास बैठा साहिल चुपचाप सब तमाशा देख रहा था. उस ने पूरी बात के दौरान कुछ भी नहीं कहा था. इस का मतलब कि इस मामले में उस की पूरी रजामंदी थी. सुरैया के अब्बू ने उस वक्त कुछ न कहते हुए चुपचाप रहने में ही भलाई सम?ा. वह भी हकीकत को जानते थे और ऐसे किसी मामले के उठने का डर उन्हें कुछ दिनों से होने लगा था.
सुरैया के मायके आने के बाद उन के घर में काफी हंगामा हुआ. घर में हो रही शादी की तैयारियों पर मातम छा गया. शादी में शरीक होने आए सुरैया के ससुराल वाले कुछ दूरदूर ही रहे. ऐसा लग रहा था जैसे महज रिश्तेदारी निभाने की मजबूरी में आए हों. शादी के बाद लौटते समय जब उन्होंने ?ाठमूठ भी सुरैया को साथ ले जाने की बात नहीं की तो उस के अब्बू को गहरा धक्का लगा. शायद उन लोगों ने साहिल की दूसरी शादी करने का अपना मंसूबा इस तरह के बरताव से जाहिर कर दिया था.
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