लेखिका- Manisha Sharma
लंच टाइम होते ही रोहित नीरजा के कक्ष में उस से मिलने आ पहुंचा. सामने पड़ी कुरसी पर बैठते ही उस ने अपना फैसला नीरजा को सुना दिया, ‘‘शादी की बात करने मैं कल इतवार की सुबह तुम्हारे मम्मीपापा से मिलने आ रहा हूं.’’
‘‘लेकिन…’’
‘‘कोशिश मत करो मेरा मन बदलने की, नीरजा. अगर मैं तुम्हारे भरोसे रहा तो दूल्हा बनने का इंतजार करतेकरते बूढ़ा हो जाऊंगा,’’ रोहित ने उसे अपने फैसले के विरोध में कुछ कहने नहीं दिया.
‘‘रोहित, जरा शांत हो कर मेरी बात सुनो. तुम से शादी करने का फैसला अभी मैं ने ही नहीं किया है. मेरे मम्मीपापा इस मामले में जब किसी तरह की रुकावट नहीं डाल रहे हैं तो फिर तुम उन दोनों से मिल कर क्या करोगे?’’
‘‘हम सब मिल कर तुम्हें समझाएंगे कि अकेले जिंदगी काटना न तुम्हारी बेटी महक के लिए अच्छा है, न तुम्हारे लिए. देखो, तुम मुझे एक बात साफसाफ बताओ, मैं जीवनसाथी के रूप में तुम्हें पसंद हूं या नहीं?’’
‘‘मैं तुम्हें पसंद करती हूं पर मेरे लिए दूसरी शादी करने का फैसला करना इतना आसान और सीधा मामला नहीं है.’’
‘‘तुम्हें ‘हां’ कहने में प्रौब्लम क्या है?’’
‘‘मैं कई बार तो तुम्हें समझा चुकी हूं. मेरे ऊपर एक तो अपने मम्मीपापा की देखभाल करने की जिम्मेदारी है, क्योंकि मैं उन की इकलौती संतान हूं. दूसरी बात यह कि महक की खुशियों के ऊपर… उस के समुचित मानसिक व भावनात्मक विकास पर मेरी शादी से कोई विपरीत प्रभाव पड़े, यह मुझे कभी स्वीकार नहीं होगा.’’
‘‘ये दोनों बातें तो कोई प्रौब्लम हैं ही नहीं, नीरजा. देखो, मैं तुम्हें दिल से चाहता हूं तो जो भी मेरे दिल के करीब है, उस को मैं कैसे कोई दुखतकलीफ उठाते देख सकता हूं. तीनों का दिल जीत लेना मेरे लिए आसान काम है, मैडम.’’
‘‘रियली?’’
‘‘यस,’’ रोहित ने आत्मविश्वास भरे लहजे में जवाब दिया.
‘‘मेरे मन की इन 2 चिंताओं को अगर तुम दूर कर दो तो…’’ नीरजा ने जानबूझ कर अपनी बात अधूरी छोड़ी और उस का हौसला बढ़ाने वाले अंदाज में मुसकराई.
‘‘नो प्रौब्लम, लेकिन जब ये तीनों मुझे तुम्हारे जीवनसाथी के रूप में स्वीकार करने को खुशी से तैयार हो जाएंगे, तब तो ‘हां’ कह दोगी न?’’
‘‘श्योर,’’ नीरजा का जवाब सुन कर रोहित खुश हो गया.
शाम को घर लौट कर नीरजा ने अपने मम्मीपापा को अगले दिन सुबह रोहित के घर आने की खबर दी तो उन दोनों की आंखों में आशा भरी चमक उभर आई.
‘‘यह लड़का सचमुच अच्छा है, नीरजा. उस के हावभाव से साफ जाहिर होता है कि वह तुम्हें और महक को खुश और सुखी रखेगा. अब की बार ‘हां’ कह कर हमारे मन की चिंता दूर कर दे, बेटी,’’ अपनी इच्छा जाहिर करते हुए उस की मां सावित्री की आंखें भर आईं.
‘‘मां, मुझे दोबारा शादी करने से कोई ऐतराज नहीं है, पर सिर्फ शादीशुदा कहलाने भर के लिए मैं किसी के साथ सात फेरे नहीं लूंगी. मैं अपने पैरों पर अच्छी तरह से खड़ी हूं और तुम दोनों व महक की बढि़या देखभाल करने में पूरी तरह से सक्षम हूं. अगर मेरा दिल ‘हां’ बोलेगा तो ही मेरी शादी होगी. किसी तरह के दबाव में आ कर मैं दुलहन नहीं बनूंगी,’’ नीरजा का यह जवाब सुन कर सावित्री आगे कोई दलील नहीं दे पाई थीं.
‘‘बेटी, तुम्हारे दिल में महक के दिवंगत पापा की जगह कोई नहीं ले सकता है, यह मैं समझता हूं. लेकिन यह भी ठीक नहीं है कि तुम बिना जीवनसाथी के बाकी की जिंदगी काटो. विवेक जैसे सीधेसच्चे इनसान बारबार नहीं मिलते. अगर तुम रोहित की तुलना विवेक से नहीं करोगी, तो अच्छा रहेगा. बाकी तुम खुद बहुत समझदार हो,’’ नीरजा के पापा उमाकांतजी गला भर आने के कारण आगे नहीं बोल सके थे.
‘‘पापा, आप टैंशन न लो. रोहित ने अगर यह साबित कर दिया कि वह हम सब की देखभाल की जिम्मेदारियां अच्छी तरह से उठा सकता है तो मैं इस शादी के लिए खुशी से ‘हां’ कह दूंगी,’’ नीरजा के इस जवाब से उस के मातापिता काफी हद तक संतुष्ट नजर आए.
अगले दिन रविवार को रोहित सुबह 10 बजे के करीब उन के यहां आ गया. सावित्री, उमाकांत और महक के ऊपर अच्छा प्रभाव जमाने के लिए वह काफी तैयारी के साथ आया था.
वह फल और मिठाई के अलावा महक के लिए उस की मनपसंद ढेर सारी चौकलेट भी ले कर आया था. नीरजा को उस ने फूलों का सुंदर गुलदस्ता भेंट किया. इस में कोई शक नहीं कि उस के आने से घर का माहौल खुशगवार हो उठा था.
‘‘इस प्यारी सी गुडि़या के लिए मैं एक प्यारी सी गुडि़या भी लाया हूं,’’ ऐसा कहते हुए रोहित ने जब महक को जापानी गुडि़या पकड़ाई तो वह खुशी के मारे उछलने लगी.
‘‘नीरजा को आप दोनों की व महक की बहुत फिक्र रहती है. इस मामले में मैं आप दोनों को विश्वास दिलाता हूं कि नीरजा की हर जिम्मेदारी को पूरा करने में मैं उस का पूरा साथ निभाऊंगा,’’ रोहित की ऐसी बातों को सुन कर सावित्री और उमाकांत के दिल खुशी व राहत से भर उठे.
महक के साथ रोहित ने काफी देर तक कैरमबोर्ड खेला. दोनों खेलते हुए बहुत शोर मचा रहे थे. रोहित ने महक के साथ अच्छी दोस्ती करने में ज्यादा वक्त बिलकुल नहीं लिया.
‘‘मेरे आज के प्रदर्शन के लिए मुझे 10 में से कितने नंबर दोगी?’’ बहुत खुश व संतुष्ट नजर आ रहे रोहित ने अकेले में नीरजा से यह सवाल पूछा था.