अनुजा ने तारीख देखी तो वह थी जिस दिन सविता दीदी को अटैक आया था. डायरी में लिखी अंतिम लाइनों ने उसे झकझोर कर रख दिया, सोचने लगी कि ऊपर से जिंदादिल दिखने वाली दीदी अपराधबोध से ग्रस्त थीं. कैसा था अपराधबोध, जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी.