अभी तक आप ने पढ़ा...

अजय के कातिल की तफ्तीश करते हुए कवितारूपी पंक्तियों वाले कोड के अनुसार अनवर, इंस्पैक्टर रमेश, साहिल और फैजल शंकर गली पहुंचे और आगे की पंक्तियों के अनुसार रिमझिम ब्यूटी पार्लर ढूंढ़ा, वहां उन्हें धर्मपुत्री यानी ईशा नामक एक लड़की मिली. उन्होंने उस लड़की को बुलाया और धीरे से पासवर्ड बताया. लेकिन उस ने बताया कि यह पासवर्ड बता कर अभीअभी कोई उस से सामान ले गया है. वे यह जान कर हैरान हुए. पूछने पर पता चला कि अजयजी उसे अपनी पुत्री की तरह मानते थे व उसे एक टैनिस बौल दे कर उन्होंने कहा था कि जो पासवर्ड बताए उसे दे देना अत: उस ने उस बाइक वाले के पासवर्ड बताने पर बौल उसे दे दी. इंस्पैक्टर ने उस से बाइक वाले का हुलिया जाना और दोनों जीपें दौड़ा दीं. कुछ दूर जा कर उन्होंने बाइक वाले को पकड़ लिया लेकिन उस ने कहा कि हम यहां सुरक्षित नहीं हैं, मुझे पुलिस स्टेशन ले चलिए, मैं वहां सब बताऊंगा मेरी जान को यहां खतरा है. अत: वे उसे पुलिस स्टेशन ले आए.

अब आगे...

अब बोलो, क्या कहना है तुम्हें?’’

‘‘अंकल सब से पहले इस से पूछिए कि बौल कहां है?’’

उस ने किसी के बोलने से पहले ही जेब से बौल निकाल कर मेज पर रख दी और बोला, ‘‘मेरा नाम यूसुफ है. अजय और मैं साथ काम करते थे. मैं ने टीवी पर न्यूज में अजय का फोटो और उस के कत्ल की खबर देखी तो मुझ से रहा नहीं गया और मैं उस के कातिल का पता लगाने यहां आ गया. तभी से मैं आप लोगों के पीछे घूम रहा हूं.’’

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