Sports : सुमा शिरूर भारतीय निशानेबाज हैं. वर्तमान में सुमा भारतीय जूनियर राइफल शूटिंग टीम की कोच हैं. सुमा शूटिंग में अबतक कई मैडल जीत चुकी हैं, वहीं उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

जिंदगी में अगर कुछ कर दिखाने की हिम्मत आप में हैं, तो कितनी भी मुश्किलें रास्ते में आए, उसे पार कर अपनी मंजिल पा लेते हैं. ऐसा ही कर दिखाया है, कर्नाटक राज्य के चिक्काबल्लापुर में जन्मीं पूर्व भारतीय निशानेबाज सुमा शिरुर. वे 30 साल से शूटिंग के क्षेत्र में एक प्लेयर और अब कोच के रूप में बिता रही हैं.

वर्ष 1993 में महाराष्ट्र स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली सुमा शिरूर ने साल 2002 और साल 2006 एशियन गेम्स में रजत और कांस्य पदक जीता है. साथ ही कौमनवेल्थ गेम्स में एक गोल्ड मैडल समेत 3 पदक जीते. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल संयुक्त विश्व रिकौर्ड बनाया हैं, उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में अधिकतम 400 अंक बनाए हैं, जो उन्होंने 2004 एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप कुआलालंपुर में हासिल किया था. सोमा के लिए Sports एक पैशन है.

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अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित

वर्ष 2003 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. आज वह भारतीय जूनियर राइफल शूटिंग टीम की ‘हाई परफौरमेंस कोच’ हैं. वर्ष 2020 पैरालिंपिक महिलाओं की SH1 स्पर्धा, 10 मीटर राइफल में स्वर्ण और महिलाओं की SH1 स्पर्धा, 50 मीटर 3 पोजिशन राइफल कांस्य पदक विजेता अवनि लेखरा की कोच भी हैं. 30 नवंबर 2022 को उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
आप को बता दें कि विनम्र, हंसमुख, धैर्यवान सुमा शिरुर ने नवी मुंबई से अपनी शिक्षा पूरी की. उन्होंने रसायन विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. अपने स्नातक पाठ्यक्रम के दौरान, वह राष्ट्रीय कैडेट कोर का हिस्सा थीं. उसी दौरान उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें शूटिंग में रुचि है और उन्होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता संजय चक्रवर्ती और महाराष्ट्र राइफल एसोसिएशन के श्री बीपी बाम की निगरानी में इस खेल को सीखना शुरू किया और कामयाबी हासिल की.
वर्ष 2018 से 2024 तक सुमा ने एक कोच के रूप में काम किया है, जिस में इस वर्ष पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने 10 मीटर और 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी स्पर्धाओं में दो कांस्य पदक जीते. पैरालिंपिक के दौरान, निशानेबाज अवनि लेखरा ने पेरिस में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में अपना खिताब बरकरार रखा है और इस तरह वह पैरालिंपिक में दो स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं हैं.
अभी सुमा शूटिंग कोच से ब्रेक ले कर परिवार के साथ समय बिता रही है और खुद शूटिंग की प्रैक्टिस कर रही हैं, ताकि अपने खिलाड़ियों को खेल के नए तकनीक से परिचय करवा सकें.

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