पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने कहा है कि औस्ट्रेलिया के दिग्गज विकेटकीपर रहे एडम गिलक्रिस्ट को गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल था. एक इंटरव्यू में बातचीत में नेहरा ने कहा कि उन्हें गिलक्रिस्ट दूसरे ग्रह के प्राणी लगते थे और उन्हें गेंदबाजी करना मुझे सबसे मुश्किल लगता था.

हाल ही में रिटायर हुए इस तेज गेंदबाज ने साल 2000 में अपने चरम पर रही कंगारू टीम की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, उस जमाने की औस्ट्रेलियाई टीम और एडम गिलक्रिस्ट का लेवल अलग ही था. 2002-08 तक गिलक्रिस्ट अलग ही ग्रह पर थे. जैक कैलिस, रिकी पौन्टिंग, ब्रायन लारा और वीरेंद्र सहवाग भी शानदार खिलाड़ी थे.

मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली की तारीफ के पुल बांधते हुए नेहरा ने कहा कि उसमें रातों-रात बदलाव नहीं आया है. अपने शरीर में परिवर्तन लाने के लिए उसे 3-4 साल लगे हैं. उसकी रफ्तार चौंकाने वाली है. अगर मैदान में वह टेनिस बौल से खेलता है तो भी उसकी तीव्रता वही रहेगी. नेहरा ने बातचीत में यह भी कहा कि 2011 का वर्ल्ड कप जीतना बेहद खास क्षण था. दुर्भाग्यवश वह चोट के कारण फाइनल में नहीं खेल पाए थे, क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्हें चोट लग गई थी.

रिटायरमेंट के बाद मीडिया से बात करते हुए नेहरा ने खुलासा किया था कि आखिर किस खिलाड़ी के चलते उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया. नेहरा को भारत-औस्ट्रेलिया टी-20 सीरीज में चुना गया था, लेकिन इस सीरीज़ में उन्हें अंतिम एकादश में खेलने का मौका नहीं मिला. नेहरा ने इस पर कहा कि उन्होंने यह फैसला खुद ही लिया था. कई लोगों ने कहा था कि मैं औस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम एकादश में नहीं खेला. जब मैं वहां गया तो मैं अपनी रणनीति बना के गया था.

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