टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली भले ही इस आईपीएल में अपनी टीम को प्लेऔफ तक में न पहुंचा सके हैं लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है. पिछले दो सीजन में शानदार प्रदर्शन के लिए विराट कोहली को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी के लिए पौली उमरीगर पुरस्कार के सम्मानित किया जाएगा. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा 12 जून को बेंगलुरू में आयोजित होने वाले समारोह में कोहली को सम्मानित किया जाएगा. बीसीसीआई ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी.

बीसीसीआई पुरस्कार समारोह में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाता है. इस समारोह में जहां एक ओर कोहली को पुरुष वर्ग में सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, वहीं हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना को महिला वर्ग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2016-17 और 2017-18 सीजन में शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जाएगा.

बीबीसीआई अपने महान अध्यक्ष रहे दिवंगत जगमोहन डालमिया के सम्मान में चार वर्गो में पुरस्कार देगा. इसमें जगमोहन डालमिया ट्रौफी, अंडर-16 विजय मर्चेट ट्रॉफी, बेस्ट जूनियर और महिला वर्ग में सीनियर क्रिकेटर पुरस्कार शामिल है.

इस मौके पर बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सी. के.खन्ना ने कहा, “बोर्ड का वार्षिक पुरस्कार समारोह एक ऐसा पल होता है, जहां इस खेल के पूर्व दिग्गज, वर्तमान की पीढ़ी और आने वाले समय के सितारे एक ही छत के नीचे मौजूद होते हैं. यह उन खिलाड़ियों का आभार जताने का एक माध्यम है, जिन्होंने अपने कौशल और कड़ी मेहतन से इस खेल को और भी बेहतरीन बनाया है.”

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यह पहली बार नहीं है कि विराट कोहली को यह पुरस्कार दिया जा रहा है. इससे पहले विराट को साल 2011-12 और साल 2014-15 के लिए भी इसी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. इस तरह इस पुरस्कार को तीसरी बार पाने वाले वे पहले भारतीय हो गए हैं.

कौन हैं ये पौली उमरगीर

28 मार्च 1926 को जन्मे पाहलन रतनजी उमरगदीर भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन बल्लेबाज और कप्तान थे. 1955 से लेकर 1958 तक भारत के लिए उन्होंने 8 मैचों में कप्तानी की थी. उन्होंने कुल 59 टेस्ट मैचों में उन्होंने 3631 रन बनाए  जिसमें 12 शतक शामिल थे. वे भारत के लिए दोहरा शतक लगाने वाले पहले पहले बल्लेबाज थे. उमरगीर बल्लेबाजी के साथ मध्यम तेज और स्पिन गेंदबाजी भी किया करते थे.

क्यों दिया जाता पौली के नाम पर यह पुरस्कार

सक्रिय खेल से रिटायर होने के बाद उमरीगर 1970 में भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे थे. वे 1978 और 1982 तक भारतयी क्रिकेट चयन समिति के चेयरमेन भी थे. वे बीसीसीआई के सचिव पद पर भी रह चुके हैं. 1962 में पद्मश्री और 1898-99 में सीके नायडू ट्रौफी से नवाजे जा चुके उमरीगर क्रिकेट कोचिंग पर किताब भी लिख चुके हैं और वानखेड़े स्टेडियम के पिच क्यूरेटर भी रह चुके हैं. साल 2006 में जब बीसीसीआई ने अपने अवार्ड देने की शुरुआत की तो सर्वश्रेष्ठ अंतरारष्ट्रीय क्रिकेटर का पुरस्कार उनके नाम पर ही दिया जाना तय किया गया. इसमें एक ट्रौफी औप 5 लाख रुपये की नगद राशि प्रदान की जाती है.

पहला पौली उमरगीर पुरस्कार सचिन तेंदुलकर को दिया गया था. इसके बाद वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, आर अश्विन, और भुवनेश्वर कुमार को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

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