टीम इंडिया के मास्टर ब्लास्टर और राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर गुरुवार को पहली बार राज्यसभा में बोलने वाले थे, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. इस तरह 'राइट टु प्ले', यानी 'खेलने के अधिकार' पर सचिन तेंदुलकर राज्यसभा में अपने विचार नहीं रख पाए. अगर सचिन तेंदुलकर संसद में बोल पाते, तो 2012 में राज्यसभा सदस्य मनोनीत किए जाने के बाद उनका पहला भाषण होता.

जब वह संसद के ऊपरी सदन में कांग्रेस के हंगामे के कारण अपनी बात नहीं रख पाए तो उन्होंने अपनी बात एक दिन बाद शुक्रवार को फेसबुक पर रखी. उन्होंने इस वीडियो की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं कल आपके सामने कुछ बातें रखना चाहता था, आज भी वही कोशिश करूंगा.

सचिन ने अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि मेरे पिता एक कवि थे. उन्होंने हमेशा मुझे इस बात के लिए प्रेरित किया कि मैं अपने जीवन में वही करूं, जो मैं करना चाहता हूं. उनसे मुझे अपने जीवन में जो सबसे बड़ा उपहार मिला, वह था खेलने की आजादी. इसके लिए मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा. देश के सामने कई समस्याएं हों, चाहे गरीबी या आर्थिक वृद्धि दर. लेकिन एक खेलप्रेमी होने के नाते मैं खेल और स्वास्थ की बात करूंगा. मेरा सोच हैल्दी एंड फिट इंडिया है. मैं कहूंगा-जब स्वस्थ है युवा, तभी देश में कुछ हुआ.

दुनिया में भारत सबसे युवा आबादी वाला देश है. इसलिए ऐसा समझा जाता है कि देश युवा है तो फिट है. लेकिन ये गलत है. दुनिया में भारत को डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है. 75 मिलियन लोग इस बीमारी से पीडि़त हैं. मोटापे में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर आते हैं. इन बीमारियों के कारण हमारी अर्थव्यस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. हम अपनी सेहत को सुधारकर अपनी अर्थव्यस्था की मदद कर सकते हैं.

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