आईपीएल के आने के बाद से क्रिकेटरों को एक ऐसा मंच मिला है जिससे न केवल भारतीय क्रिकेट को प्रतिभाओं की तलाश करने की जरूरत नहीं रहती, बल्कि युवा एवं प्रतिभाशाली क्रिकेटर भी सामने आकर केवल प्रदर्शन के आधार पर ही टीम इंडिया में जगह पा सकते हैं. ऐसी ही कुछ संभावनाएं पैदा करने की एक और सार्थक कोशिश हो रह ही है. अब स्कूल गेम्स फेडरेशन औफ इंडिया (एसजीएफआई) की ओर से पहली बार नेशनल स्कूल क्रिकेट लीग (एनएससीएल) आयोजित किया जा रहा है. यह आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, सुरेश रैना, दिलीप वेंगसरकर और विनोद काम्बली जैसे कई स्टार दे सकता है.

स्कूली प्रतिभाओं के लिए खासतौर पर तैयार किए गए इस विश्वस्तरीय प्लेटफार्म की संरचना कुछ इस तरह से की गई है कि इसके माध्यम से आने वाले समय में कई स्टार भारतीय क्रिकेट की पटल पर निकलेंगे और दुनिया भर में छा जाएंगे. एसजीएफआई ने इसे सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारी कर ली है और इस अहम मुहिम की शुरूआत जुलाई में चंडीगढ़ और जयपुर में होने वाले ट्रॉयल्स के साथ हो रही है.

एनएससीएल का आयोजन इस साल होना है और इसमें देश भर की 16 शहरी टीमों के बीच वर्चस्व की लड़ाई होगी. इनमें से 24 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा, जो एसजीएफआई द्वारा आयोजित कैम्प में हिस्सा लेंगे. इस कैम्प से 16 खिलाड़ियों का चयन होगा, संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले एशियाई स्कूल क्रिकेट चैम्पियनशिप में एसजीएफआई के बैनर तले भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

यह कहने की बात नहीं कि स्कूलों से हमेशा ही क्रिकेट में बेहतरीन प्रतिभाएं सामने आई हैं. सचिन से लेकर काम्बली तक और युवराज, रैना, मोहम्मद कैफ से लेकर लालचंद राजपूत तक, सबने स्कूल क्रिकेट से निकलकर वैश्विक प्लेटफार्म पर देश का प्रतिनिधित्व किया और नाम कमाया. अब भारत के स्कूलों की प्रतिभाओं के सामने एनएससीएल नाम का एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो उन्हें गुमनामी की दुनिया से निकलकर अपनी चमक बिखेरने का मौका देगा.

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