सच्ची लगन और कड़ी मेहनत हो तो कामयाबी हर हाल में कदम चूमती ही है. ऐसी ही कहानी यशस्वी जायसवाल की. हालात ने उनकी कठिन से कठिन परीक्षा ली, लेकिन उसने हार नहीं मानी. कभी टेंट में रहना पड़ा. पानी पूरी बेचकर अपना गुजारा करने वाला ये युवा अब भारत की अंडर-19 टीम का हिस्सा बन चुका है. 17 साल का यशस्वी मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में श्रीलंका में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेगा. लेकिन उनके लिए ये सफर आसान कतई नहीं था.

यशस्वी जायसवाल के पिता भदोही में एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. उनके दो बेटे हैं, जिनमें यशस्वी छोटा है. बचपन से ही उसे क्रिकेट खेलने का शौक था. इसे पूरा करने के लिए उसने मुंबई की ओर रुख किया. पिता ने मदद नहीं कर सकते थे, तो उन्होंने कोई ऐतराज भी नहीं जताया. वर्ली में यशस्वी के संतोष चाचा रहते थे. लेकिन उनका घर इतना बड़ा नहीं था कि यशस्वी भी वहां रह सके. इसलिए उन्होंने मुस्लिम यूनाइटेड क्लब के मालिक से विनती की कि उनके भतीजे को वहां के टेंट में रहने की अनुमति दे दी जाए. इस क्लब में संतोष मैनेजर थे.

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एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक तीन साल तक यशस्वी यहां के टेंट में रहा. यहीं आजाद मैदान पर उसने क्रिकेट सीखा. अपना गुजारा चलाने के लिए उसने पानी पूरी बेची. कभी कभी फल बेचने का काम भी किया. उसके पिता भी बीच बीच में उसके लिए पैसे भेजते रहे, लेकिन वह इतने नहीं होते थे, जिनसे एक क्रिकेट की तैयारी करने वाले युवा का गुजारा अच्छे से हो सके.

दोस्तों के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ता था

यशस्वी के अनुसार, वह आजाद मैदान में पानी पूरी का ठेला लगाता था. जब यहां रामलीला होती तो उसका काम अच्छा चलता था. लेकिन वह सोचता था कि इस दौरान उसके साथ क्रिकेट खेलने वाले उसके फ्रेंड न आएं, लेकिन कई बार वह आ जाते थे. ऐसे में उसे बहुत शर्म महसूस होती थी. यशस्वी को आजाद मैदान पर क्रिकेट खेलते हुए एक लोकल क्रिकेट कोच ज्वाला सिंह ने देखा. ज्वाला सिंह खुद अच्छे तेज बौलर रह चुके हैं. हालांकि वह कभी राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान नहीं बना सके. कहने को उन्होंने एमआरएफ पेस अकादमी में जहीर खान के साथ गेंदबाजी का हुनर तराशा, लेकिन वह जहीर खान जितने मशहूर नहीं हो पाए.

ज्वाला सिंह कहते हैं कि जब मैंने यशस्वी को देखा तो मुझे अपनी कहानी याद आ गई. मैं भी यूपी से मुंबई एक तेज गेंदबाज बनने आया था. ज्वाला सिंह की देखरेख में यशस्वी का हुनर निखरा. मुंबई अंडर-17 टीम में चयन के बाद यशस्वी सभी की नजरों में आ गया. अब अंडर-19 टीम में चयन होने के बाद वह टीम इंडिया के साथ श्रीलंका का दौरा करेगा. उसके कोच सतीश सामंत कहते हैं कि वह मध्यक्रम का कमाल का बल्लेबाज है. वह मुंबई का अगला सबसे होनहार बल्लेबाज बनने जा रहा है.

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