ओलंपिक में मैडल जीतना किसी खिलाड़ी और किसी देश के लिए बहुत ही गर्व की बात होती है. भारत में तो गोल्ड मैडल जीतने वाला इंसान सेलिब्रिटी बन जाता है लेकिन आज एक खिलाड़ी ऐसे मुकाम पर पहुंच गया है जहां लाइमलाइट तो दूर उसे अपना घर चलाने के लिए मजदूरी करना पड़ रहा है. हम बात कर रहे हैं साइक्लिस्ट चैंपियन राजबीर सिंह की. वो राजबीर सिंह जिसने अमेरिका के लौस एंजेलिस में हुए स्पेशल ओलंपिक्स में भारत के लिए 2 गोल्ड मेडल जीते थे लेकिन इस खिलाड़ी की यह उपलब्धि उसकी किस्मत नहीं बदल पाई. बेहद गरीब परिवार के राजबीर को अपनी आजिविका चलाने के लिए दिहाड़ी लेबर और वीलचेयर खींचने का काम करना पड़ रहा है.

लेकिन, जब राजबीर सिंह स्पेशल ओलंपिक्स वर्ल्ड समर गेम्स-2015 में 2 गोल्ड मेडल जीतकर भारत लौटें तो लुधियाना में उनका हीरो की तरह स्वागत हुआ. फिर जब बीजेपी-सिरोमणी अकाली दल वाली पंजाब सरकार ने 15 लाख रुपये देने का वादा किया तो लगा कि उनकी जिंदगी ट्रैक पर लौट आएगी और देश के लिए ढेरों मेडल जीतने का मौका भी मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और यह सिर्फ एक सपना बनकर रह गया.

नहीं मिला सरकार से कोई इनाम

इस चैंपियन साइक्लिस्ट राजबीर को तात्कालीन पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सम्मानित करते हुए राज्य सरकार की ओर से 15 लाख रुपए देने का ऐलान किया था. इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी 10 लाख रुपये देने को कहा था. लेकिन उनकी यह बड़ी बड़ी बातें केवल बातें ही रह गई और राजबीर को एक ढेला भी नसीब नहीं हुआ.

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