चौथी वरीयता प्राप्त और 7 बार के चैंपियन स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर को हराना किसी सपने से कम नहीं था. लेकिन खेल में कब कौन किस को मात दे, कहना मुश्किल है. विंबलडन में पुरुष एकल के फाइनल मुकाबले में सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने फेडरर को हरा कर खिताब अपने नाम कर लिया.
जोकोविच ने दूसरी बार विंबलडन खिताब अपने नाम किया और इस जीत के साथ ही वे दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी बन गए. इस हार के बाद रोजर फेडरर का वह सपना भी टूट गया जो उन्होंने 8वीं बार सिंगल्स खिताब जीतने का देखा था. पहला सैट जीतने के बाद फेडरर अगले 2 सैटों में हार गए. चौथे सैट में भी वे लड़खड़ा गए थे लेकिन जबरदस्त जुझारूपन दिखाते हुए जोकोविच को मात देने में कामयाब हो गए. 5वें सैट में दोनों का जबरदस्त मुकाबला हुआ और एक समय यह तय कर पाना मुश्किल लग रहा था कि आखिर पलड़ा किस का भारी है लेकिन आखिरकार बाजी मारी जोकोविच ने. 3 घंटे 55 मिनट तक चले इस दिलचस्प मुकाबले में जीत के साथ ही विंबलडन के इतिहास में जोकोविच का नाम दर्ज हो गया.
पहले सैट में जोकोविच की सर्विस काफी बेहतरीन रही और उस के शौट्स के आगे फेडरर हताशपरेशान रहे और जोकोविच अपना बेहतर प्रदर्शन दिखाते रहे. इस से फेडरर के हौसले को ध्वस्त करने में वे कामयाब भी रहे. जीत के बाद जोकोविच ने कहा कि रोजर फेडरर सभी के लिए एक अच्छे रोल मौडल रहे हैं और मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने यह मैच जीतने दिया. वहीं 17 ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले रोजर फेडरर ने कहा कि जोकोविच का सामना करना बहुत मुश्किल है. वह इस जीत का हकदार था. मैं केवल उसे मुबारकबाद दे सकता हूं. इनामी राशि के रूप में नोवाक जोकोविच को जहां 17 लाख 60 हजार पौंड यानी 18 करोड़ 5 लाख रुपए दिए गए वहीं रोजर फेडरर को 8 लाख 80 हजार पौंड यानी 9 करोड़ 2 लाख 50 हजार रुपए दिए गए.