आज विराट कोहली और गौतम गंभीर के संबंधों को लेकर भले ही तरह-तरह की बातें की जाती हो, मगर एक दौर ऐसा भी था जब दोनों एक दूसरे की बहुत इज्जत करते थें. गंभीर ने युवा कोहली की मेहनतकश पारी के लिए अपना मैन ऑफ द मैच खिताब भी उन्हें दे दिया था. जी हां, ये वाकया था 24 दिसंबर 2009 को भारत-श्रीलंका के बीच खेले गए चौथे वनडे मैच का.

बाद में भले ही दोनों के बीच के रिश्ते वैसे मधुर नहीं रहे. आईपीएल ने दिल्ली के इन दोनों खिलाड़ियों के बीच के रिश्तों को टकराव में बदल दिया था. लेकिन इससे पहले दोनों में काफी अच्छी बनती थी. आईपीएल 2013 के दौरान मैदान पर इन दोनों खिलाड़ी के बीच कहासुनी हुई थी.

आखिर क्या था पूरा मामला

ये वाकया है 24 दिसंबर 2009 का जब कोहली ने अपना पहला वनडे शतक जमाया था. भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए चौथे मैच में श्रीलंकाई टीम ने 315 रन बनाकर भारत को जीत के लिए 316 रनों का लक्ष्य दिया था. भारतीय टीम की शुरूआत अच्छी नहीं रही थी और उन्होंने अपने दो विकेट( सचिन तेंदुलकर और वीरेन्द्र सहवाग) को सिर्फ 23 रनों के स्कोर पर खो दिया था.

गंभीर और कोहली ने मैच को आगे बढ़ाया दोनों ने इस मैच में शतकीय पारी खेली. कोहली 107 रन बनाकर आउट हुए तो गंभीर 150 रनों की पारी खेलने के बाद नाबाद लौटे. भारत ने यह मैच इन दोनों की शानदार पारियों की बदौलत 7 विकेट से जीत लिया.

गंभीर को उनकी शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया, लेकिन उन्होंने खुद को इस पुरस्कार का सही हकदार नहीं बताते हुए मैन ऑफ द मैच का यह पुरस्कार विराट कोहली को दे दिया. उनका कहना था कि एक युवा बल्लेबाज के तौर पर कोहली ने जिस तरह का खेल दिखाया वही मैन ऑफ द मैच खिताब के सही हकदार हैं.

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