भारत इस बार रियो ओलंपिक की तैयारी ज़ोर-ओ-शोर से कर रहा है और ऐसी उम्मीद है कि मैडल के मामले में लंदन ओलंपिक में मिले 6 मैडल का रिकार्ड शायद तोड़ दे और कम से कम एक गोल्ड जीत ले. लंदन ओलंपिक में भारत ने दो रजत और चार कांस्य पदक जीते थे. ये मैडल उसे निशानेबाज़ी, कुश्ती, बैडमिंटन और बॉक्सिंग में जीते थे.
टेनिस
सानिया मिर्ज़ा ने 2015 का साल जिस अंदाज़ में ख़त्म किया है उससे लगता है कि वो भारत के गोल्ड के सूखे को रियो में ख़त्म कर दें. वैसे उन्हें इस साल सफलता महिला युगल में मिली है जिसमें उनकी साथी मार्टीना हिंगिस हैं लेकिन इस सफलताओं से उनका मनोबल बहुत ऊंचा है और वो ये कमाल मिश्रित युगल में भी दिखा सकती हैं. उन्होंने अभी तक अपना पार्टनर चुना नही है. इसके पहले वो लिेंडर पेस के सात जोड़ी बना चुकी हैं.
बैडमिंटन
विश्व की नंबर दो खिलाड़ी सायना नेहवाल से रियो ओलंपिक में बहुत उम्मीदें रहेंगी. हाल ही में उनका प्रदर्शन बहुत शानदार रहा है और वह विश्व की नंबर एक खिलाड़ी भी बन गई थीं.
बॉक्सिंग
लंदन ओलंपिक में महिला बॉक्सिंग में मैरी कोम ने कांस्य पदक जीतकर सबको हैरान कर दिया था. इस सफलता ने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया था. यहां तक कि उनके जीवन पर फ़ीचर फिल्म भी बन गई जो सफल भी रही थी. रियो ओलंपिक के बाद मैरी शायद बॉक्सिंग से सन्यास ले लें और ज़ाहिर है वो कांस्य को सोने में बदलना चाहेंगी. विजय कुमार से भी उम्मीद की जा सकती थी लेकिन वह पेशेवर बॉक्सर बन चुके हैं.
तीरंदाज़ी
भारत को 2014 एशियाई खेलों में पदक दिलाने वाली पुरुष कंपाउंड टीम और रिकर्व श्रेणी में दुनिया की नंबर एक तीरंदाज रह चुकी दीपिका कुमारी से रियो ओलंपिक में काफी उम्मीद रहेगी. तीन बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुकी और मौजूदा वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें नंबर पर मौजूद दीपिका कुमारी इस बार महिला टीम का नेतृत्व कर रही हैं. महिला टीम में शामिल अन्य खिलाड़ियों में 2010 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली लक्ष्मी रानी मांझी और रिमिल बुरीउली भी शामिल हैं.
निशानेबाज़ी
भारतीय निशानेबाज़ जीतू राय ने विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीत कर रियो 2016 ओलंपिक के लिये जिस तरह क्वालिफ़ाई किया है उससे पदक की उम्मीदें जागी हैं. रियो ओलंपिक में अपनी जगह पक्की करने वाले वो पहले भारतीय निशानेबाज़ हैं. जीतू ने ग्रानाडा में 51वीं विश्व निशानेबाज़ी चैंपियनशिप में पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में रजत पदक जीता था. वह बस थोड़े से अंतर से ही स्वर्ण पदक हासिल करने से चूक गए थे.
कुश्ती
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने गुरुवार को भरोसा जताया कि अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक खेलों में भारत कुश्ती के साथ दूसरे खेलों में भी शानदार प्रदर्शन कर तमगे जीतेगा. सुशील का कहना है कि ‘रियो ओलंपिक खेलों के लिये हमारे पास खिलाड़ियों की जबर्दस्त टीम है. सुशील कुमार के अलावा योगेश्वर से भी काफी उम्मीदें हैं.
डिस्कस थ्रो
इस बीच भारत के शीर्ष डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ ने भी रियो ओलंपिक का टिकट कटा लिया. गत अप्रेल में आईएएएफ के दिशा निर्देशों में पुरुषों के डिस्कस थ्रो के लिए क्वालीफाई कट ऑफ मार्क 66 मीटर था, लेकिन आईएएएफ परिषद ने इसे घटाकर 65 मीटर करने का फैसला किया है. गौडा ने मई में जमैका आमंत्रण एथलेटिक्स टूर्नामेंट के दौरान 65 मीटर की दूरी पार की थी. जिसका लाभ उन्हें अब मिल गया. राष्ट्रमंडल खेलों स्वर्ण पदक विजेता 32 वर्षीय गौडा ने मई में किंगस्टन में 65.14 मीटर दूर तक थ्रो कर खिताब जीता था.
जहां तक हाकी का सवाल है भारत ने कुछ बेहतर प्रदर्शन तो किया है लेकिन मैडल की उम्मीद करना शायद ठीक नही होगा.