बीसीसीआई और लोढ़ा कमेटी एक बार फिर से आमने-सामने हैं. लोढ़ा पैनल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि बीसीसीआई के सभी अधिकारियों को हटाकर पूर्व ग्रह सचिव जीके पिल्लई को ऑबजर्बर बना देना चाहिए.

रिपोर्ट में कमेटी ने बीसीसीआई के कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए कई नई सिफारिशें की हैं. इसके पहले कमेटी ने सिफारिश की थी कि 70 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को बीसीसीआई में शामिल नहीं किया जाए साथ ही हर राज्य के पास एक ही वोट हो उससे ज्यादा नहीं.

लोढ़ा पैनल और बीसीसीआई आमने सामने

पिछले लंबे समय से बीसीसीआई और लोढ़ा पैनल में खींच तान मची हुई है. बोर्ड लोढ़ा पैनल की सिफारिशें पूरी तरीके से लागू करने को तैयार नहीं है और ढीला रवैया अपना रहा है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश दे चुका है कि सिफारिशों को पूरी तरह लागू करे. लेकिन बावजूद इसके बीसीसीआई अपनी अलग दलील रखता रहा है.

बीसीसीआई को लोढ़ा कमिटी की 70 साल से ज्यादा उम्र के पदाधिकारियों की छुट्टी, एक व्यक्ति के पास एक से ज्यादा पद ना हो, एक राज्य का एक से ज्यादा वोट ना हो, चयन समिति में तीन सदस्य हों, पदाधिकारियों के नौ साल या तीन कार्यकाल और पदाधिकारियों का कार्यकाल लगातार ना हो जैसी सिफारिशों पर एतराज करता रहा है.

बोर्ड ने नौ सिफारिशों को माना है

बीसीसीआई ने लोढ़ा कमिटी की 9 अहम सिफारिशें स्वीकार की हैं जिसमें अपेक्स काउंसिल बनाना, अपेक्स काउसिंल में सीएजी का सदस्य होना, आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में सीएजी का प्रतिनिधित्व और खिलाड़ियों का संगठन बनाने जैसी सिफारिशों शामिल हैं.

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