दिल्ली हाफ मैराथन में केन्या और इथोपिया के धावकों का दबदबा रहा. मौजूदा ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता केन्या के इलियुद किपचोगे ने पुरुष और इथोपिया की वोर्कनेश देगेफा ने महिला वर्ग का खिताब अपने नाम किया.

किपचोगे ने 59 मिनट, 44 सेकेंड में 21.097 किमी की दूरी पूरी की. किपचोगे ने इथोपिया के यिगरेम देमेलाश और केन्या के अगस्तीन चोगे को पछाड़ा, लेकिन कोई रिकॉर्ड नहीं बना पाए. देमेलाश ने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 59 मिनट, 48 सेकेंड का समय लिया, जबकि चोगे ने 60 मिनट, एक सेकेंड में दौड़ पूरी की.

अगस्त में रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद यहां पहली प्रतिस्पर्धी दौड़ में हिस्सा ले रहे किपचोगे हालांकि 2014 में इथोपिया के गाये एडोला के बनाए 59 मिनट, छह सेकेंड के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाए.

किपचोगे ने कहा, ‘मैं भारत आकर खुश हूं. परिस्थितियां अच्छी थी. मैं रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाया, लेकिन समय को लेकर कोई समस्या नहीं है.’

महिला वर्ग में देगेफा ने एक घंटे, सात मिनट, 42 सेकेंड के समय के साथ खिताब जीता. इथोपिया की ही अबादेल येसानेह (एक घंटा, सात मिनट, 52 सेकेंड) दूसरे, जबकि केन्या की लाह किप्रोप (एक घंटा, आठ मिनट, 11 सेकेंड) तीसरे स्थान पर रहीं.

पुरुष और महिला वर्ग के विजेताओं को 27-27 हजार डॉलर (लगभग 18 लाख, 36 हजार रुपये) मिले. केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष आदिल सुमारीवाला ने स्पर्धाओं को हरी झंडी दिखाई.

100 मीटर के पूर्व विश्व रिकार्ड धारक असाफा पावेल भी इस दौरान धावकों की हौसला अफजाई के लिए मौजूद थे.

लक्ष्मणन व मोनिका भारतीय विजेता

सेना के जी लक्ष्मणन 64 मिनट, 37 सेकेंड में दौड़ पूरी कर भारतीय वर्ग के विजेता बने. जबकि महिला वर्ग में नासिक की मोनिका अथारे एक घंटा, 15 मिनट, 34 सेकेंड में दौड़ पूरी कर पहले नंबर पर रहीं. भारतीय विजेताओं को तीन-तीन लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गई.

भारतीय पुरुष वर्ग में मुहम्मद यूनुस (एक घंटा, चार मिनट, 38 सेकेंड) ने दूसरा स्थान हासिल किया. मान सिंह (एक घंटा, चार मिनट, 40 सेकेंड) तीसरे स्थान पर रहे. महिलाओं में संजीवनी यादव (एक घंटा, 15 मिनट, 35 सेकेंड) दूसरे स्थान पर रहीं. प्रबल दावेदार स्वाति गधावे (एक घंटा, 17 मिनट, 43 सेकेंड) तीसरे स्थान पर रहीं.

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