रियो ओलंपिक में भागीदारी को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे पहलवान सुशील कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद साफ हो गया कि पहलवान सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच रियो ओलंपिक में भारत के तरफ से कौन जाएगा.

कोर्ट ने कहा कि वह फेडरेशन के फैसले में दखल नहीं देगा. कोर्ट का फैसला सुनने के बाद सुशील कुमार के वकील ने कोर्ट को कहा कि उन्हें अपनी याचिका वापस लेने दी जाए लेकिन कोर्ट ने कहा कि अब आर्डर साइन हो चुका है लिहाजा याचिका अब वापस नहीं की जा सकती.

दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, 'सुशील महान खिलाड़ी हैं, लेकिन रेसलिंग फेडरेशन के इस तर्क को खारिज नहीं किया जा सकता कि नरसिंह यादव बेहतर फॉर्म में हैं और उन्हें ओलंपिक में भेजने का फैसला सही है.'

सुशील कुमार ने लगाया था आरोप

सुशील कुमार ने याचिका दी थी कि रियो ओलंपिक के लिए चुने गए नरसिंह यादव के साथ ओलंपिक में जाने से पहले दोनों का मुकाबला कराया जाए. सुशील का आरोप था कि रेसलिंग फेडरेशन ने भेदभाव से नरसिंह यादव को सेलेक्ट किया है.

सुशील ने भारतीय खिलाड़ियों के साथ नहीं की थी प्रैक्टिस

पिछले 2 हफ्ते के दौरान चली सुनवाई में इस ट्रायल के दावेदार के तौर पर सुशील और नरसिंह ने कोर्ट में भी मजबूती का अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान कोर्ट रेसलिंग फेडरेशन के वाइस प्रेसिडेंट राज सिंह के हलफनामे में दी गलत जानकारी से नाराज दिखे, तो यह बात भी सामने आई कि भारत सरकार के खर्चे पर जॉर्जिया गए सुशील ने भारतीय खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस नहीं की. वे वहां जॉर्जिया के खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस कर रहे थे जो नियमों के खिलाफ है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...