डोपिंग के दोषी पहलवान नरसिंह यादव की दिल्ली के नाडा में सुनवाई पूरी हो गई है. नाडा ने फैसला फिलहाल सुरक्षित रख लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब फैसला शनिवार या फिर सोमवार को आएगा. बताया जा रहा कि अगर नाडा ने नरसिंह की दलीलें नहीं मानीं और उन्हें दोषी माना तो उन पर 2 से 4 साल तक का बैन लग सकता है.

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) नरसिंह के मामले की सुनवाई की. नाडा के फैसले के साथ यह तय हो जाएगा कि नरसिंह रियो जाएंगे या नहीं. नरसिंह डोपिंग मामले में आए नए मोड़ को देखते हुए नाडा ने सुनवाई के दौरान कोई फैसला नहीं सुनाया.

तीन घंटे तक चली सुनवाई में नरसिंह के वकील ने दलील दिया कि खिलाड़ी हालात का पीड़ित है. उन्होंने साथ ही नरसिंह पर रियो ओलंपिक 2016 में जाने पर प्रतिबंध न लगाने की अपील भी की है.

नाडा ने फैसला सुरक्षित रखा, दोषी साबित हुए तो नरसिंह पर लग सकता है 4 साल तक का बैन! डोपिंग के दोषी पहलवान नरसिंह यादव की दिल्ली के नाडा में सुनवाई पूरी हो गई है. नाडा ने फैसला फिलहाल सुरक्षित रख लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब फैसला शनिवार या फिर सोमवार को आएगा.

नरसिंह के अगले महीने से शुरू होने वाले रियो ओलंपिक-2016 में जाने पर तब से काले बादल मंडरा रहे हैं जब से उनका डोप परीक्षण का परिणाम सकारात्मक पाया गया है. नरसिंह के डोप टेस्ट में फेल होने के बाद उन पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया है.

नरसिंह को तब और बड़ा झटका लगा जब पांच जुलाई को एकत्रित उनके दूसरे नमूने का डोप टेस्ट भी सकारात्मक आया. इसी बीच 'यूनाइटेड विश्व रेसलिंग' के दबाव में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने प्रावीण राणा को रियो में नरसिंह का प्रतिस्थापन खिलाड़ी घोषित कर दिया, ताकि ओलंपिक की 74 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का कोटा बचा रहे.

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा कि राणा का नाम 25 जुलाई को भेजा जा चुका था जो प्रतिस्थापन खिलाड़ी का नाम भेजने की अंतिम तारीख थी. ब्रजभूषण ने बताया है कि हालांकि नरसिंह की जगह प्रवीण राणा के नाम की घोषणा की गई है, लेकिन अगर वह निर्दोष साबित होते हैं तो मैं ओलंपिक कोटा सुनिश्चित करने के लिए एक और लड़ाई लड़ने को तैयार हूं.

उन्होंने कहा है कि राणा का नाम ओलंपिक कोटा बचाए रखने के लिए भेजा गया था, जिसे 26 जुलाई को मंजूर कर लिया गया है. अगर हम राणा का नाम नहीं भेजते तो हम ओलंपिक कोटा खो देते. उन्होंने साथ ही कहा कि नरसिंह के रियो जाने की संभावना पूरी तरह खत्म नहीं हुई है.

उन्होंने कहा है कि उनका रियो जाने का रास्ता पूरी तरह बंद नहीं हुआ है. अब यह नरसिंह पर है कि वह अपने आप को निर्दोष साबित कर पाते हैं या नहीं. अगर वह ऐसा कर पाते हैं तो वह ओलंपिक जाएंगे.

ब्रजभूषण ने केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री विजय गोयल (स्वतंत्र प्रभार) के उस दावे को खारिज किया है कि अगर कोई खिलाड़ी डोपिंग रोधी समिति द्वारा निलंबित कर दिया जाता है तो उसका प्रतिस्थापन नहीं भेजा जा सकता. गोयल ने कहा था कि मैं नहीं समझता अगर खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हो जाता है तो उसका प्रतिस्थापन भेजा जा सकता है.

गोयल ने कहा है कि अगर खिलाड़ी काफी बीमार है तो ऐसे हालात में संबंधित एजेंसी स्थानापन्न खिलाड़ी भेज सकती हैं. मंत्री के बयान पर ब्रज भूषण ने कहा है कि मंत्री नियमों से अनजान हैं. वह जानकारी के अभाव में ऐसा कह रहे हैं. राणा का नाम पहले ही मंजूर कर लिया गया है.

डोप टेस्ट में फेल होने के बाद नरसिंह ने कहा था कि उनके खिलाफ साजिश की गई है और उन्होंने इस संबंध में पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी है. हालांकि वह साजिश में शामिल व्यक्ति का नाम लेने से बचते दिखे.

पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद नरसिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि मेरे खिलाफ साजिश की गई है. अगर मैं निर्दोष साबित हुआ तो मैं रियो जाऊंगा. मैंने उस शख्स की पहचान कर ली है जिसने मेरे खाने में मिलावट की. मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है.

उन्होंने कहा है कि मेरा मानना है कि इसमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं क्योंकि मुझे सीसीटीवी की फुटेज भी नहीं दी जा रही है. ब्रजभूषण ने नरसिंह के आरोपों का समर्थन किया है और कहा है कि खिलाड़ी को ओलंपिक में हिस्सा न लेने के उद्देश्य से साजिश की गई है और इसका खुलासा होना चाहिए ताकि आने वाले समय में ऐसा न हो.

उन्होंने कहा है कि सोनीपत स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के बाबर्ची ने नरसिंह के खाने में मिलावट करने वाले की पहचान कर ली है और उसका नाम जितेश बताया है. दो अन्य लोगों की भी पहचान की गई है. ब्रजभूषण ने कहा कि दोनों जूनियर पहलवानों में से एक ने नरसिंह के खाने में मिलावट की बात भी स्वीकार कर ली है.

उत्तर प्रदेश के गोंडा से सांसद ब्रजभूषण ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इस मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए क्योंकि यह युवा देश के भविष्य का मामला है. वाराणसी के नजदीक नरिसंह के पैतृक गांव अजगरा में हजारों लोगों ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांगे को लेकर प्रदर्शन किया.

नरिसंह के पिता पंचम यादव और मां भूलना देवी ने कहा है कि उनका बेटा निर्दोष है. उन्होंने कहा कि नरसिंह चाय तक नहीं पिता स्टेरॉयड की बात बहुत दूर की है. नरसिंह के परिवार ने कहा है कि अगर उनके बेटे को न्याय नहीं मिला तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. इस बीच रियो ओलंपिक के लिए नरसिंह के स्थानापन्न खिलाड़ी राणा जॉर्जिया के लिए रवाना हो चुके हैं जहां वह भारतीय कुश्ती टीम के साथ अभ्यास करेंगे.

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