कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (कैस) ने भारतीय पहलवान नरसिंह यादव पर चार साल के प्रतिबंध का फैसला सुनाया था. कैस ने संभावना जताई है कि नरसिंह ने जानबूझकर प्रतिबंधित दवाओं का सेवन किया था. कैस के मुताबिक, नरसिंह इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाए कि उनके खाने में किसी ने उन्हें फंसाने के लिए दवा मिलाकर खिलाई थी. कैस ने इस बात की भी संभावना जताई कि नरसिंह ने प्रतिबंधित पदार्थ का टैबलट फॉर्म में एक से अधिक बार सेवन किया है.

कैस की ओर से सुनवाई कर रहे पैनल ने कहा कि नरसिंह ने सिर्फ एक बार प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन नहीं किया था और उनकी पहली जांच (जो कि 25 जून को हुई थी) में प्रतिबंधित पदार्थ की मात्रा काफी अधिक पाई गई थी. पैनल ने कहा, 'उस मात्रा के आधार पर कहा जा सकता है कि उन्होंने पाउडर को पानी में मिला कर लेने के स्थान पर टैबलेट फॉर्म में लिया था. जोकि 1 या दो की संख्या हो सकती है.'

25 जून को नरसिंह का यूरिन टेस्ट हुआ था जिसमें मेथेनडाइनन (प्रर्तिबंधित पदार्थ) की मात्रा काफी अधिक पाई गई थी. इसके बाद 5 जुलाई को हुए टेस्ट में भी मेथेनडाइनन की मात्रा काफी ज्यादा थी. कैस के पैनल ने कहा कि नरसिंह अपनी बातों से पैनल को संतुष्ट नहीं कर पाए औप रिपोर्ट के आधार पर पैनल को इस बात ने ज्यादा हद तक संतुष्ट किया कि नरसिंह ने जानबूझकर प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन टैबलट फॉर्म में एक से अधिक मौकों पर किया था.

गौरतलब है कि इस मामले में एक्सपर्ट ऑपिनियन वाडा की ओर से कनाडा की प्रफेसर क्रिस्टियन अयॉटे ने दिया. प्रफेसर क्रिस्टियन 1995 से IAAF डोपिंग कमिशन की सदस्य हैं.

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